यूपी में फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बनने वाले 1427 की पहचान हो चुकी है। इसमें से 930 को बर्खास्त किया जा चुका है। लेकिन अभी तक इनमें से केवल 4 के खिलाफ वेतन रिकवरी के आदेश हुए हैं। एक आकलन के मुताबिक यदि एक शिक्षक की औसत नौकरी 7-8 साल मानी जाए तो लगभग 900 करोड़ रुपए की रिकवरी की जाएगी।
फर्जी शिक्षकों के मामले में शुक्रवार तक न तो आरसी जारी हुई और न ही कोई सूचना निदेशालय पहुंची क्योंकि इसमें वित्त व लेखाधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। बर्खास्त शिक्षकों से वेतन वसूली के लिए धनराशि का आकलन वित्त व लेखाधिकारी को करना है। लिहाजा अब निदेशालय से सभी वित्त व लेखाधिकारियों को वसूले जाने वाले वेतन का आगणन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में सभी बीएसए को 3 जुलाई तक आरसी जारी करके रिपोर्ट निदेशालय भेजनी थी। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार 29 जून से इस मामले की समीक्षा कर रही हैं लेकिन अपर मुख्य सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग में ज्यादातर बीएसए ने जानकारी दी कि वित्त व लेखाधिकारी इसमें अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस कारण वेतन वसूली में देरी हो रही है। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी वित्त व लेखाधिकारियों को अविलम्ब वसूले जाने वाले वेतन का आकलन कर बीएसए को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
फर्जी शिक्षकों के मामले में शुक्रवार तक न तो आरसी जारी हुई और न ही कोई सूचना निदेशालय पहुंची क्योंकि इसमें वित्त व लेखाधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। बर्खास्त शिक्षकों से वेतन वसूली के लिए धनराशि का आकलन वित्त व लेखाधिकारी को करना है। लिहाजा अब निदेशालय से सभी वित्त व लेखाधिकारियों को वसूले जाने वाले वेतन का आगणन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में सभी बीएसए को 3 जुलाई तक आरसी जारी करके रिपोर्ट निदेशालय भेजनी थी। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार 29 जून से इस मामले की समीक्षा कर रही हैं लेकिन अपर मुख्य सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग में ज्यादातर बीएसए ने जानकारी दी कि वित्त व लेखाधिकारी इसमें अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस कारण वेतन वसूली में देरी हो रही है। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी वित्त व लेखाधिकारियों को अविलम्ब वसूले जाने वाले वेतन का आकलन कर बीएसए को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।