उन्नाव : दागी शिक्षकों से रिकवरी के लिए बैंक खाता होगा फ्रीज, बीएसए ने सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को लिखा पत्र,एसडीएम व तहसीलदार जांचेंगे शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र

उन्नाव : बेसिक शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा खुल रहा है। लेपर्ड व फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे सात शिक्षकों पर अब तक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। आरोपितों से नियुक्ति तिथि से लेकर अब तक विभाग द्वारा किए गए भुगतान की बिक्री होगी। नहीं आख्या के आधार पर शुक्रवार को बीएसए ने सहायक वित्त एवं जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। बैंक खाते में डेबिट पर रोक लगाने के लिए खाता फ्रीज किया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की जांच कर रही आईआईटी व एसटीएफ की जांच में जिले से छह शिक्षक दागी मिले। अभिलेखों में हेराफेरी करके आरोपित जाली अंक प्रमाणपत्र बना सहायक शिक्षक बन गए। फजीवाड़ा पकड़े जाने के बाद इन सभी की गर्दन दबोची गई। एक शिक्षक की डिग्री को एसटीएफ ने जांच में फर्जी पाया। आरापित ने लखनऊ विवि से पढ़ाई की थी। फर्जी अंकपत्र पर नौकरी पा ली। जिस पर एफआईआर दर्ज कराई गई। एक जुलाई को मुख्यालय से मिली रिपोर्ट पर अपर मुख्य सचिव रणुका कुमार ने शिक्षकों से वित्तीय भुगतानों की रिकवरी करने का आदेश किया। बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि वेतन व अन्य वित्तीय भुगतानों की रिकवरी के लिए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एके मिश्रा को पत्र लिखा गया है। एडीएम वित्त को भी इस बाबत जानकारी दे दी गई है। बचत खाता फ्रीज कराने के लिए बैंक को पत्र लिखा जाएगा। नोटिस का जवाब नहीं तो संपत्ति की कुर्की : सोमवार तक आरोपितों को रिकवरी के लिए नोटिस जारी हो जाएगी। कोई जवाब न मिलने की सूरत में जिला प्रशासन की मदद से संपत्ति कुर्की होगी। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस शीघ्र ही कार्रवाई शुरू करेगी।







एसडीएम व तहसीलदार जांचेंगे शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र।

उन्नाव : बेसिक शिक्षा विभाग में दागी शिक्षकों की तलाश जिला स्तरीय कमेटी के साथ तहसीलवार तीन सदस्यीय टीम भी रहेगी । यह साल 2010 के बाद की नियुक्तियों की जांच होनी है। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के आदेश पर तहसील स्तर पर गणित हुई टीम में एसडीएम, तहसीलदार व ब्लाक के डीईओ खंड शिक्षा अधिकारी होंगे। अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद सरकार ने सहायक अध्यापक भर्तियों को लेकर गंभीरता दिखाई है। अपर मुख्य सचिव के आदेशानुसार शैक्षिक दस्तावेजों व नियुक्ति पत्रों की जांच का कार्य जिला मुख्यालय स्तर पर एसडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक व बीएसएफ की संयुक्त निगरानी में होना है। इसमें शासन ने अब तहसील स्तर पर भी टीम बना दी है। इसमें एसडीएम, तहसीलदार व बीईओ होंगे। फर्जी नियुक्तियों को पकड़ने के लिए जाच के कई बिंदु भी निर्धारित किए गए है। वर्तमान में जो शिक्षक विद्यालय में पढ़ा रहे, वह वही है जिनके नाम का चयन हआ है। इसे प्रकाशित कट ऑफ मेरिट सूची से मिलाया जाएगा। कारागार में वेतन सूची से मिलान जाति-निवास प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जाएगा। यही नहीं, ऐसे शिक्षकों की भी जाच होगी, उन्होंने नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक के स्थान पर सीधे प्राप्त किए।