प्रयागराज : सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में फरार चल रहे सात अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी हो गया है। अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) संबंधित थाने की पुलिस के जरिए वारंट तामील करवा रही है। इसके बाद भी अगर अभियुक्त गिरफ्त से दूर रहते हैं तो उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा। उनकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित कराया जाएगा। वांछित मायापति दुबे को चार हफ्ते में आत्मसमर्पण करने की मोहलत अदालत ने दी है। इसलिए उसके खिलाफ वारंट जारी नहीं किया गया है।
इसी साल चार जून को परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का राजफाश सोरांव पुलिस ने किया था। गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल, लेखपाल और दो अभ्यर्थी समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। हाल ही में बस्ती निवासी एक और अभ्यर्थी की गिरफ्तारी हुई है। भदोही निवासी मायापति दुबे, धूमनगंज का स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव, प्रतापगढ़ का दुर्गेश पटेल समेत कुछ शातिर कई बार दबिश के बावजूद पकड़ से दूर हैं। एसटीएफ ने अदालत की मदद ली है।
साथ ही विवेचना में कुछ और लोगों के नाम सामने आए। इसके बाद उन्हे मुकदमे में शामिल किया गया। मायापति, दुर्गेश, चंद्रमा, अर¨वद, शिवदीप, संदीप, सत्यम व शैलेष पटेल की तलाश है।
सरगना का साला रखता था हिसाब
एसटीएफ को जांच में पता चला है कि सरगना केएल पटेल का साला शैलेष, अभ्यर्थियों से ली गई रकम का हिसाब-किताब रखता था। वही कैंडीडेंट लाने वाले को कमीशन भी देता था। दूसरा रिश्तेदार सत्यम अभ्यर्थियों को झांसे में फंसाता था। कुछ और अभ्यर्थियों के नाम सामने आ सकते हैं।
संपत्ति भी होगी कुर्क
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि फरार अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जल्द ही कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। अदालत के आदेश पर उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।