माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने महिला अभ्यर्थियों को बड़ी सौगात दी है। महिलाएं प्रदेश के सभी बालक व बालिका कालेजों में पढ़ाने के लिए मान्य हैं, बशर्ते उन्हें किसी विषय में बालक या फिर बालिका वर्ग का उल्लेख करना होगा। पुरुष अभ्यर्थियों को बालिका कालेजों में नियुक्ति नहीं मिल सकेगी। सिर्फ, संगीत विषय और नेत्रहीन पुरुष अभ्यर्थियों पर यह नियम लागू नहीं हो रहा।
चयन बोर्ड प्रदेश के साढ़े चार हजार से अधिक एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रवक्ता (पीजीटी) व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) पद के लिए चयन कर रहा है। 29 अक्टूबर को जारी विज्ञापन में वैसे तो टीजीटी के 15 विषयों में 12913 पद घोषित हैं। इसमें 11451 बालक व 1462 बालिका वर्ग के पद हैं। इसी तरह पीजीटी के 2595 पदों में 2281 बालक व 314 बालिका के हैं। बालक वर्ग के लिए 21 और बालिका वर्ग के लिए 19 विषय हैं। दोनों वर्गो में बालिकाओं के पद बालकों की अपेक्षा काफी कम हैं। चयन बोर्ड ने महिलाओं को नियुक्ति पाने के लिए समान अवसर दिया है। निर्देश में दिया गया है कि महिला अभ्यर्थी बालक व बालिका दोनों वर्गो में आवेदन के लिए मान्य है। उसे आवेदनपत्र में एक वर्ग बालक या फिर बालिका लिखना होगा। साथ ही किसी विषय में वे दोनों में से किसी एक के लिए ही आवेदन कर सकती हैं। बालिकाओं के पद सिर्फ महिलाओं के लिए ही हैं, वहीं भर्ती में बालकों के पद अधिक हैं ऐसे में महिलाएं बालक वर्ग में आवेदन करके अपनी मेधा आजमा सकती हैं और चयनित होने पर आसानी से नियुक्ति भी पा सकेंगी। दूसरी ओर बालक वर्ग के अभ्यर्थी बालिका कालेजों में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं हैं। पुरुष अभ्यर्थियों को छूट सिर्फ संगीत विषय और नेत्रहीन को ही मिली है।
आरक्षण का लाभ सिर्फ यूपी के निवासियों को
चयन बोर्ड आरक्षण का लाभ सिर्फ उत्तर प्रदेश के निवासियों को दे रहा है। ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, पूर्व सैनिक व दिव्यांग यदि यूपी के निवासी नहीं हैं तो उन्हें सामान्य अभ्यर्थी माना जाएगा। वहीं, महिला अभ्यर्थियों के मामले में पिता की ओर से जारी निवास प्रमाणपत्र ही मान्य होगा।