शिक्षकों के रिक्त पद निरस्त कराने वाले डीआइओएस पर होगी कार्रवाई, शासन को कार्रवाई के लिए लिखेगा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

 प्रयागराज : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उन जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) पर और सख्त हो गया है जो शिक्षकों की नियुक्ति में खेल कर रहे हैं। चयन बोर्ड ने पहले वेबसाइट पर विज्ञप्ति जारी करके रिक्त पदों का विज्ञापन निरस्त न करने का एलान किया।

अब पत्र भेजने वालों पर कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखने का निर्णय लिया है। यह भी तय किया गया है कि डीआइओएस की मनमानी पर प्रभावी अंकुश लगाना जरूरी है।



चयन बोर्ड की मंगलवार को वचरुअल बैठक हुई। इसमें कहा गया कि शासन ने तदर्थ शिक्षकों को विशेष महत्व देते हुए भर्ती में उनको शामिल करने के लिए विशेष छूट का निर्देश दिया है। अब विधिक राय लेने के बाद ही टीजीटी-पीजीटी का विज्ञापन जारी होगा और उसमें विशेष महत्व दिया जाएगा। बैठक में सदस्य डा. हरेंद्र राय व डा. दिनेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि एक दिसंबर को स्नातक व शिक्षक विधान परिषद सदस्य का निर्वाचन है। उस दिन चयन बोर्ड का साक्षात्कार स्थगित करके अवकाश घोषित किया जाए और साक्षात्कार की तारीख बाद में घोषित कर दी जाए। इन मुद्दों पर चयन बोर्ड की ओर से समाचार लिखे जाने तक वेबसाइट पर औपचारिक सूचना जारी नहीं हुई है और न ही अधिकारियों की इसकी पुष्टि की है।

23 पदों का विज्ञापन नहीं होगा निरस्त : इंटरनेट मीडिया पर चयन बोर्ड के उप सचिव की ओर से एक पत्र वायरल हो गया है। यह पत्र शिक्षा निदेशक माध्यमिक को संबोधित है। कहा गया है कि निदेशक ने 11 नवंबर, 2020 को पत्र भेजकर 23 पदों का अधियाचन निरस्त करने की अपेक्षा की है, जबकि इन पदों को नए विज्ञापन में शामिल किया गया है। संशोधित विज्ञापन फिर जारी होना है इसलिए इन पदों का अधियाचन निरस्त नहीं हो सकता है, क्योंकि इससे विवाद बढ़ेंगे। ज्ञात हो कि नवंबर के पहले सप्ताह में इन पदों पर 2013 टीजीटी भर्ती के रिक्त पदों के सापेक्ष शिक्षा निदेशालय काउंसिलिंग कराकर 17 अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित कर रहा है। अब इस मामले का निपटारा कोर्ट में होगा।