लखनऊ। व्यावसायिक शिक्षा विभाग में लिपिक संवर्ग के 80 फीसदी पदों पर ही सीधी भर्ती की जाएगी। शेष 20 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। ऐसे में नए सिरे से ढांचे के पुनर्गठन का सर्वाधिक लाभ समूह 'घ' के उन
कर्मचारियों को मिलेगा, जो काफी समय से लिपिक पद पर प्रोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। ढांचा पुनर्गठन के बाद कनिष्ठ लिपिक कनिष्ठ सहायक के नाम से जाने जाएंगे। वहीं, वरिष्ठ लिपिकों का पदनाम वरिष्ठ सहायक हो जाएगा। पदनाम बदलने के साथ ही इनके वेतन बैंड में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। व्यावसायिक शिक्षा परिषद के लिपिकीय संवर्ग सेवा के पदों के निर्धारण में कई तरह की विसंगतियां थीं और सभी पद सीधी भर्ती के थे। इस वजह से समूह 'घ' के कर्मचारियों को लिपिकीय संवर्ग के पदों पर प्रोन्नति नहीं हो पा रही थी। इसलिए समूह 'घ' के कर्मचारी भी काफी दिनों से संवर्ग के पुनर्गठन की मांग कर रहे थे। इसलिए राज्य सरकार ने इस संवर्ग में सीधी भर्ती के पदों की संख्या को 100 से घटाकर 80 फीसदी करने जा रही है।पदनाम के साथ बदलेगा वेतन बैंड
नए सिरे से पुनर्गठन के बाद वरिष्ठ लिपिक का पद नाम वरिष्ठ सहायक हो जाएगा। इसे प्रोन्नति से भरा जाएगा। इसके लिए तय वेतन बैंड 2,400 को बढ़ाकर 2,800 और पद संख्या भी 3 से 5 हो जाएगा। इसी तरह कनिष्ठ लिपिक को कनिष्ठ सहायक का पदनाम दिया गया है। साथ ही इनका वेतन बैंड 1,900 से बढ़ाकर 2,000 किया जाएगा। पदों की संख्या भी 12 से बढ़ाकर 15 कर दी गई है। इनके अलावा वरिष्ठ सहायक के स्थान पर प्रधान सहायक होंगे और उनका वेतन बैंड 2,800 के स्थान पर 4.200 होगा। जबकि वरिष्ठ गोपनीय सहायक का पदनाम समाप्त हो जाएगा। कार्यालय अधीक्षक ग्रेड-2 के पद को प्रशासनिक अधिकारी का पदनाम दिया गया और इसके लिए 4,200 के स्थान पर 4,600 वेतन बैंड निर्धारित किया गया है।