राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन) करने वाले अब उत्तराखंड में बेसिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे। शासन ने मंगलवार को इन अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया। जीओ के निरस्त होने से समझा जा रहा है कि मार्च से बेसिक शिक्षकों के 26 सौ से अधिक पदों पर भर्ती का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को बेसिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल करने के लिए मान्यता दी थी। जिसके बाद उत्तराखंड शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया कि ये अभ्यर्थी वर्तमान में बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने के पात्र होंगे। एनआईओएस से डीएलएड को मान्यता दे दी गई है।
प्रदेश के बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ ही डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) से डीएलएड करने वालों ने शासन के इस आदेश का विरोध किया था। जो इस आदेश के जारी होने के बाद से शिक्षा निदेशालय में धरने पर हैं।
उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें डीएलएड कराया है, नियमित रूप से डायटों में दो साल का कोर्स पूरा करने के बाद अब वर्तमान भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड वालों को भी मौका दिया जा रहा है। एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
डायटों से डीएलएड करने वालों को नियुक्ति दी जाएगी
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने संबंधी जीओ को निरस्त करने के निर्देश दिए थे। शिक्षा मंत्री का कहना था कि सरकार जिन युवाओं को प्रशिक्षण करा रही है, उनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी भी सरकार की है।
प्रदेश की डायटों से डीएलएड करने वालों को नियुक्ति दी जाएगी। अन्य राज्यों से डीएलएड वाले भी शिक्षक भर्ती में हो शामिल सकेंगे। प्रदेश के वे बेरोजगार जिनके द्वारा अन्य राज्यों से डीएलएड किया गया है वर्तमान शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे।
एनआईओएस से डीएलएड को हाल ही में एनसीटीई ने दी थी मान्यता
एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान) से 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) कोर्स करने वालों को देेशभर में मान्य किया गया था। राष्टीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे मान्यता देते हुए इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा था। दरअसल, उत्तराखंड के अभ्यर्थियों ने एनसीटीई से इस संबंध में गुहार लगाई थी।
उत्तराखंड में एनआईओएस से डीएलएड टीईटी करने वालों ने एनसीटीई से मांग की गई थी कि बिहार की तरह उन्हें भी अपने राज्य में होने वाली शिक्षक भर्ती में आवेदन का मौका दिया जाए। एनसीटीई के इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र के बाद हाल ही में शासनादेश जारी करते हुए कहा गया था कि इस शिक्षक भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड वालों को भी योग्य मानते हुए आवेदन का मौका दिया जाएगा।
एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में मान्यता संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया गया है। जिसे हाईकोर्ट में दाखिल किया जाएगा। - आरमीनाक्षी सुंदरम शिक्षा सचिव