उत्तर प्रदेश में इस समय शासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए निकाले गए 2003 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इस शिक्षक भर्ती में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए समय से ही पूर्व ही सेवारत अभ्यर्थियों से संबंधित विभागों का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मांगा जा रहा है। इसके कारण सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान है और फॉर्म अंतिम रूप से जमा नहीं कर पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की तरफ से इन पदों के लिए लगभग अब प्रक्रिया को पूरा करने के लिए साक्षात्कार मांगा गया है। एनओसी को लेकर आयोग काफी सख्त है माना गया है। इस बार आवेदन करने के समय ही जमा करने के लिए कहा गया है। यही नहीं, इस बार आवेदकों से पहले ही इसकी जानकारी मांगी गई है। अब ऐसे में कहा जा रहा है कि पूरा फॉर्म भरने के बाद एनओसी अपलोड करने को कहा जा रहा है। आयोग की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर इस बार अभ्यर्थी ऐसा नहीं करेंगे तो फिर उनका फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की परीक्षा देने जा रहे डॉ. सौरभ कुमार सिंह ने कहा कि कला विषय का पाठ्यक्रम डाउनलोड करने पर कला के बजाएं, संस्कृत का डाउनलोड हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की तरफ से ऐसा किए जाने के बाद अव्यवस्था पैदा हो गए है। उन्होंने कहा कि इससे सैकड़ों अभ्यर्थी बहुत ही परेशान हैं। बता दें, फॉर्म को करने की अंतिम तारीख 26 मार्च है। ऐसे में अब अभ्यर्थियों में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एनओसी न मिलने की वजह से अब अभ्यर्थियों में बेचैनी भी बढ़ती जा रही है।