औरैया। संवाददाता
बेरोजगार योग्य शिक्षक अभ्यर्थियों ने अब 22000 रिक्त पदों को 69000 शिक्षक भर्ती में जोड़ने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छेड़ दी है। अभ्यर्थी अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने की भरपूर कोशिश करने में जुटे हैं।
बूढ़ादाना निवासी स्मिता त्रिवेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को यूपी में 1.37 लाख योग्य शिक्षकों के पद पर भर्ती का आदेश दिया था। इसके पालन के लिए सरकार ने 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती निकाली। पहली भर्ती में सरकार ने 150 अंक की परीक्षा में पास होने के लिए अनिवार्य अंक 60/67 निर्धारित किया। जिसमें से मात्र 41000 अभ्यर्थी ही पास हो पाए। यहां लगभग 22000 से अधिक पद खाली रह गए। इसके बाद सरकार ने 69000 भर्ती में पास होने के लिए 90/97 अंक निर्धारित किए। लेकिन यहां भी लगभग 146000 अभ्यर्थी ही पास हुए। इसी परीक्षा को कराने वाली संस्था ने सभी को मुफ्त में 3 अंक बांट दिए इसलिए जो लोग पहले फेल हो रहे थे वह भी पास हो गए। जिन्होंने 15 साल पहले पढ़ाई की थी। उनके एकेडमिक अंक अब के मुकाबले नहीं हैं। पुरानी और नई एकेडमिक प्रणाली में बहुत असमानता है। ऐसे में सरकार द्वारा 3 अंक मुफ्त में देना कम एकेडमिक अंक वालों को बाहर कर देना है। हम सभी योग्यता के पैमाने को कई बार पार करके आए हैं तो 1.37 लाख पदों को दो भर्ती में भरने का आदेश दिया था। तो इस भर्ती के शेष पद अगली भर्ती में क्यों? सरकार से मांग है की 22000 रिक्त पदों को 69000 भर्ती में जोड़ा जाए। इस मामले में जिले के हजारों अभ्यर्थियों की ओर से ऑनलाइन प्रदर्शन किया जा रहा है।