नई दिल्ली: कोरोना संकटकाल में पढ़ाई को लेकर शैक्षणिक संस्थानों के सामने जिस तरह की चुनौती खड़ी हुई है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। फिलहाल जो अहम बदलाव होने जा रहा है, उनमें उच्च शिक्षण संस्थानों में अब प्रत्येक कोर्स की पढ़ाई आनलाइन और आफलाइन दोनों में मिलीजुली होगी। जो प्रस्ताव है उसके तहत 40 फीसद या उससे ज्यादा का कोर्स आनलाइन पढ़ाया जाएगा, जबकि 60 फीसद कोर्स आफलाइन ही पढ़ाया जाएगा।
यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने फिलहाल इसकी सिफारिश की है। जिसे सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को रायशुमारी के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की राय आने के बाद इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस ड्राफ्ट में पढ़ाई के साथ परीक्षा भी इसी पैटर्न पर कराने का प्रस्ताव है। यानी परीक्षा भी कोर्स के 40 फीसद हिस्से की आनलाइन होगी, जबकि बाकी कोर्स की परीक्षा आफलाइन होगी। आनलाइन परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीकों का प्रस्ताव किया गया है, इनमें वाया वाइस (आवाज), ओपन बुक एक्जाम, आनलाइन असेसमेंट आदि जैसे उपाय सुझाए गए हैं। कोरोना संकटकाल में यूजीसी ने पिछले साल ही जारी की गई गाइडलाइन में सभी विश्वविद्यालयों से 30 फीसद कोर्स को आनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया था। हालांकि ज्यादातर विश्वविद्यालयों के पास आनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी इंतजाम न हो पाने से आगे काम नहीं हो पाया था।