देवरिया: परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है। जिले में 36 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, लेकिन दो दशक तक पूर्वांचल में शिक्षकों की फर्जी नियुक्त कराने वाले सरगना समेत कई सरगनाओं तक न तो एसटीएफ का हाथ पहुंचा है और न ही पुलिस की विवेचना में उनका नाम आया है। जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है। डेढ़ साल में पकड़े जा चुके हैं 36 फर्जी शिक्षक
एसटीएफ की जांच में धीरे-धीरे फर्जी शिक्षकों का नाम प्रकाश में आ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो डेढ़ साल में 36 फर्जी शिक्षक पकड़े गए और उनको बर्खास्त कर दिया गया। जनपद के विभिन्न थानों में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस विवेचना कर रही है। हालांकि एसटीएफ की जांच अब धीमी पड़ गई है। विवेचनाओं में भी सरगनाओं का नाम नहीं आया सामने
एसटीएफ ने फर्जी शिक्षकों को चिह्नित कर अपनी रिपोर्ट दी। कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा,जो बाद में जमानत पर रिहा हो गए। लेकिन आज भी कई ऐसे सरगना हैं, जिनके गिरेबां तक जांच की आंच नहीं पहुंच सकी है। सरगना के करीबियों पर भी शिकंजा कस गया। लेकिन वह बच निकले। पुलिस की विवेचना तो और भी लचर है। एसटीएफ ने जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस की विवेचना उन्हीं तक सिमट कर रह गई। गिरोह के सरगना व अन्य सदस्यों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके। लंबित समस्याओं को लेकर होगा आंदोलन