प्रदेश के कई जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कालेज (जीआइसी) में गैर विषय की महिला सहायक अध्यापक (एलटी) एवं महिला प्रवक्ताओं ( लेक्चरर) के तबादले कर दिए गए हैं। तबादले उन कालेजों से भी किए गए हैं, जहां स्थानांतरि शिक्षिका के विषय की दूसरी शिक्षिका नहीं हैं। ऐसे में जहां से स्थानांतरण हुआ वहां संबंधित विषय पढ़ाने के लिए शिक्षिका नहीं रह गई हैं और जहां तबादला हुआ, वहां उस विषय का पद रिक्त नहीं था। एलटी एवं प्रवक्ता दोनों वर्ग में महिलाओं के इस तबादले से कालेजों में पढ़ाई पर असर पड़ेगा।
तबादला करने के दौरान जीआइसी में पढ़ाई व्यवस्था सुचारु रखने की ओर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने ध्यान नहीं दिया। राजकीय शिक्षक संघ ( पाण्डेय गुट) के महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय अनुसार प्रयागराज मुख्यालय में राजकीय इंटर कालेज (बालक) में प्रवक्ता के 39 एवं सहायक अध्यापक के 68 पद स्वीकृत हैं, जो कि पुरुष संवर्ग के हैं। जुलाई में 19 महिला सहायक अध्यापक और तीन महिला प्रवक्ताओं के आनलाइन तबादले को गलत ठहराया है। उन्होंने अपर शिक्षा निदेशक राजकीय माध्यमिक शिक्षा निदेशक, उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर इन तबादलों को निरस्त करने की मांग उठाई है। कहा कि तबादले निरस्त नहीं किए गए तो संगठन अदालत का दरवाजा खटखटाएगा। राजकीय शिक्षक संघ ( भड़ाना गुट) गुट के महामंत्री डा. रविभूषण ने बिना विषय और कालेज में विषय की एकल शिक्षिका
होने के बावजूद तबादले का विरोध किया है। उन्होंने बालक विद्यालय में शिक्षिकाओं के तबादलों को भी सही नहीं माना।
आयोग ने रविवार को कराई अलग-अलग संवर्ग की परीक्षा : अभी रविवार को ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जीआइसी प्रवक्ता के 1473 पदों के लिए विभिन्न जिलों में विषय वार परीक्षा कराई। इसमें पुरुष के 991 और महिला के 482 पद हैं।
पूर्व में भी आयोग अलग-अलग संवर्ग के लिए परीक्षा कराकर चयन करता रहा है तो नियुक्ति में निदेशालय को संवर्ग का ध्यान रखना चाहिए। अपर शिक्षा निदेशक (एडी) माध्यमिक ( राजकीय) अंजना गोयल ने बताया कि जीआइसी में सह शिक्षा व्यवस्था है, इसलिए तबादले किए गए हैं। बालक वर्ग के जीआइसी में शिक्षिकाओं के तबादले के मामले में भी सह शिक्षा को ही आधार बताया ।