लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों के शिक्षक पात्रता के बाद भी लाभ न मिलने से मायूस हैं। शिक्षकों के जिले के अंदर के तबादले, अंतर्जनपदीय पारस्परिक तबादले और पदोन्नति के मामले अफसरों के बीच अटक गए हैं।
राष्ट्रीय स्वैच्छिक शिक्षक संघ ने अफसरों पर शिक्षकों से जुड़े मामलों पर विचार करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सतीश चंद्र मोदी ने गत माह विभाग की बैठक में जिले के अंदर तबादले अगस्त में करने के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद से लेकर शासन तक मामले में कार्रवाई ना होने से अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। इसी प्रकार पारस्परिक तबादले शुरू करने पर भी बात आगे नहीं बढ़ रही है।
परिषद के स्तर से प्राथमिक विद्यालयों कक्षा 1 से 5 तक के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति की कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। ऐसे में शिक्षकों को आचार संहिता का डर है।
सरल किए गए हैं नियम: शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने के लिए विभाग के अधिकारी को समय-समय पर आदेश निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मृतक शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति के लिए नियम भी सरल कर दिए गए हैं। :- डॉ सतीश द्विवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री
वर्षों से नहीं मिला प्रमोशन: जो शिक्षक प्रमोशन और तबादले की पात्र हैं उन को लाभ मिलना चाहिए। वर्षों से प्रमोशन ना होने से शिक्षकों में मायूसी और मृतक आश्रितों को भी नियुक्ति ना मिलने से भरण-पोषण का भी संकट है। :- महेश मिश्रा , मंडलीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संघ
15 साल बाद ही महिला शिक्षकों का नहीं हो पाया तबादला: लखनऊ समेत जिलों में कई ऐसे शिक्षक हैं जो काफी वरिष्ठ हैं लेकिन उनका प्रमोशन नहीं हो सका है जबकि महिला शिक्षकों ने एक ही जिले में अपने कार्यकाल में 10 से 15 साल पूरे कर लिए हैं। फिर भी उनको तबादला नहीं मिला पाया है। और जो तबादले हुए भी उसमें पात्र शिक्षकों को लाभ नहीं मिल पाया। :- रीना त्रिपाठी, मंडल कार्य कारी , आर एस एम
मृतक आश्रित अगर पात्र है तो बनेंगे शिक्षक: कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिन शिक्षकों की मौत हुए हैं उनके आश्रित अगर योग्यता रखते हैं तो उनको शिक्षक पद पर ही नियुक्ति दी जाएगी इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से जारी आदेश पर विभाग ने अमल भी शुरू कर दिया है।
मृत शिक्षकों के आश्रितों को भी नहीं मिली नियुक्ति
मृत शिक्षकों के आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की जगह लिपिक एवं सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने की घोषणा को भी 1 वर्ष से अधिक समय हो गया है। यह मामला भी शासन और सरकार के बीच लंबित है।