यूपी के शिक्षामित्रों का दर्द, महंगाई बढ़ी, पर चार सालों से मानदेय में नहीं हुई वृद्धि, पढ़े विस्तृत जानकारी
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक मऊ खालसा में हुई।जिसमें 30 नवम्बर को लखनऊ के ईको गार्डन में पहुंचने की अपील की गई। मीटिंग में जिलाध्यक्ष रत्नाकर दीक्षित ने कहा कि सरकार पिछले साढे़ चार साल से शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार ने अपने घोषणा-पत्र पत्र में शिक्षामित्रों की सभी समस्याओं का तीन माह में समाधान करने का अपने संकल्प पत्र में रखा था। अभी तक शिक्षामित्र सिर्फ दस हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर जीवन यापन कर रहा है। पिछले चार साल में महंगाई का स्तर दोगुने पर पहुंच चुका है, किन्तु शिक्षामित्रों के मानदेय में एक रुपये की वृद्वि नहीं की गई है।
ऐसे में अब समय आ गया है कि अधिकार मंच के बैनर तले 30 नवम्बर को जिले से बड़ी संख्या में शिक्षामित्र इको गार्डन लखनऊ के लिए कूच करें। जिला महामंत्री रामपूत पाल ने कहा कि प्रत्येक ब्लाक कार्यकारिणी को 150 शिक्षामित्रों को लखनऊ ले जाना है। बैठक में सर्वसम्मति से शिवपाल सिंह को निगोही का ब्लॉक अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
इस दौरान बीएलओ की ड्यूटी नहीं लेने पर शिक्षामित्राें के खिलाफ संविदा समाप्ति के नोटिस जारी करने की कड़ी निंदा की गई। इस मौके पर जिला प्रभारी वेद वर्मा,उपाध्यक्ष जितेंद्र दीक्षित, ऊषा मिश्रा, मुकेश पाल, देवेंद्र यादव, विचित्र पाल, बृजनंदन सिंह, अरुण शुक्ला, रामगोपाल, मानवेंद्र सिंह, शिव चरण लाल, विपिन कुमार मिश्रा, विचित्र पाल वर्मा मौजूद रहे।