जूनियर शिक्षक भर्ती:- वजह कुछ भी रही हो, परीक्षा में खाली छोड़ दी ओएमआर शीट:- शून्य अंक पाने वालों के प्रत्यावेदन पर पीएनपी ने कराया सत्यापन
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों ने शून्य अंक मिलने पर उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव को प्रत्यावेदन देकर सवाल खड़े कर दिए थे। कुछ सफल हुए अभ्यर्थियों ने कम अंक मिलने की शिकायत की है। उनका दावा है कि सत्यापन कराने पर उनके कुछ अंक बढ़ जाएंगे, जिससे वह मेरिट में ऊपर हो जाएंगे। प्रत्यावेदन पर जांच कराई गई तो करीब 20 मामले ऐसे सामने आए, जिसमें अभ्यर्थी ने रोल नंबर भरने के बाद आप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) शीट को खाली छोड़ दी थी। इसके अलावा कम अंक मिलने का दावा करने वाले सफल अभ्यर्थियों की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 390 एवं सहायक अध्यापक के 1504 पदों के लिए 17 अक्टूबर को सीसीटीवी की निगरानी में दो पालियों में परीक्षा कराई थी।
15 नवंबर को इसका परिणाम घोषित किया गया तो सहायक अध्यापक पद के लिए 45,257 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसी तरह प्रधानाध्यापक पद के लिए 1,722 अभ्यर्थी सफल हुए।
वेबसाइट पर अभ्यर्थियों ने परिणाम देखा तो शून्य अंक मिलने पर आपत्ति जताई। ऐसा मामला बलिया की शिल्पी सिंह का भी था।
विभागीय जानकारों के मुताबिक अभ्यर्थियों को प्रत्यावेदन के साथ कुछ और मामलों का सत्यापन पीएनपी ने परीक्षा एजेंसी से कराया तो पता चला कि करीब 20 अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट पर उत्तर दर्शाने वाले गोल निशान को पूरा सादा छोड़ दिया गया था।