पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमित होने से जान गंवाने वाले परिषदीय शिक्षकों के आश्रितों को जल्द ही लिपिक पद पर नियुक्ति मिलेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने नियमावली में संशोधन के लिए प्रस्ताव कैबिनेट मंजूरी के लिए भेज दिया है।
मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव के दौरान एक हजार से अधिक परिषदीय शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मृत्यु हुई थी। बेसिक शिक्षा विभाग में वर्तमान में मृतक शिक्षक के आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर ही नियुक्ति का प्रावधान है। जबकि विभाग ने दो साल पहले मृतक शिक्षक के आश्रित को भी लिपिक के पद पर नियुक्ति देने की घोषणा की थी।
विभाग की घोषणा के चलते कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों के आश्रितों ने अभी तक अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया है। वहीं अन्य कारणों से दिवंगत हुए परिषदीय शिक्षकों के आश्रित भी छह महीने से नियमावली में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें भी लिपिक के पद पर नियुक्ति मिल सके। सूत्रों के मुताबिक करीब एक हजार से अधिक मृतक शिक्षकों के आश्रितों को नियुक्ति का इंतजार है।
विभाग ने अब नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेज दिया है। आगामी दिनों में कैबिनेट की मंजूरी के बाद मृतक शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक पद पर नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा। विभाग का प्रयास है कि दिसंबर तक प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाए ताकि चुनाव से पहले आश्रितों को नौकरी का तोहफा मिल सके।
शिक्षित युवाओं को योग्यता के अनुसार नियुक्ति मिले
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को इस संबंध में जल्द निर्णय करना चाहिए। उनका कहना है कि मृतक शिक्षकों के आश्रित बच्चे स्नातक, स्नातकोत्तर की शिक्षा के साथ लॉ, बीबीए, एमबीए जैसी डिग्री प्राप्त है उन्हें चपरासी पद पर अनुकंपा की नियुक्ति मिलेगी तो उनकी योग्यता का अपमान होगा।
इनका कहना है
मृतक आश्रित शिक्षकों को लिपिक पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेजा है। कैबिनेट के निर्णय के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।
सतीश चंद्र द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री