प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के मामले में उम्मीदवारों को राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर दाखिल विशेष याचिका को स्वीकार करते हुए एकल पीठ द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश को भी रद्द कर दिया। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने एक साथ पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट के समक्ष माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने तीन विशेष याचिकाएं दाखिल की थीं। बोर्ड की याचिका में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने मामले में 14 फरवरी 2020 को अभ्यर्थियों पक्ष में फैसला सुनाया था।
खंडपीठ ने कहा, निर्देशों की अनदेखी करने वाले अभ्यर्थी लापरवाह: मुख्य
न्यायमूर्ति की खंडपीठ ने कहा कि
ओएमआर शीट में उल्लिखित निर्देशों में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि किसी भी त्रुटि के लिए आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा। इसके बावजूद अभ्यर्थियों ने विकल्पों पर ध्यान नहीं दिया और परीक्षा के दौरान दो के बजाय तीन विषयों में उत्तर दिए। इससे ऐसा लगता है कि उम्मीदवार अपने दृष्टिकोण में लापरवाह हैं और निर्देशों का ठीक से पालन नहीं कर सकते है, जोकि अनिवार्य हैं। इससे उनके दिमाग की उपस्थिति और बुद्धि के स्तर की बहुत अच्छी तरह से कल्पना की जा सकती है।