सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया हित में फैसला, याचिका दायर की थी
एटा। बीएड की फर्जी डिग्री और अंकपत्रों की टेंपरिंग (छेड़छाड़) को लेकर जिले के 34 शिक्षकों पर गाज गिरी और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। अब इन शिक्षकों को वेतन देने के आदेश जारी किए गए हैं।
वर्ष 2004-05 में टेंपर्ड अंकपत्रों का मामला उछला था। इसकी जांच एसआईटी ने की थी और गेंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पाले में डाल दी हाईकोर्ट ने शिक्षकों को बहाल कर वेतन जारी करने के आदेश किए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षकों को बहाल कर चार माह का वेतन दे दिया गया।
सरकार ने पक्ष रखा तो वेतन रोक दिया गया। इसके बाद शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। सर्वोच्च न्यायालय ने टैपर्ड अंकपत्र वालों को भी फर्जी बीएड डिग्री वाले मामले की नजीर बनाकर शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुना दिया और वेतन देने के आदेश जारी किए हैं।
हालांकि अभी विभागीय आदेश जारी नहीं किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
टैपई अंकपत्रों को लेकर जिले के 34 क्षित किए गए थे। इनको वेतन देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया है। विभागीय आदेश अभी नहीं आया है। विभाग से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। -संजय सिंह, बीएसए