बागपत। बीएसए कार्यालय के अधिकारियों पर शिक्षिकाओं से आठ हजार देने पर ही बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) देने का आरोप लगा है। इस मामले में एक शिक्षिका ने एडीएम के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें बीएसए कार्यालय में कोई भी कार्य कराए जाने पर रुपये लेकर भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया है। एडीएम ने मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया।
बरनावा के कंपोजिट स्कूल में तैनात शिक्षिका विनती शर्मा ने एडीएम को शिकायत देकर बताया कि 13 फरवरी को उसने दिल्ली के सेंट स्टीफन अस्पताल में प्री मैच्योर बच्ची को जन्म दिया था। डाक्टर ने छह महीने तक बच्ची की विशेष देखभाल के लिए कहा था। इस पर उसने 13 फरवरी से बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) मांगा। आरोप है कि बीएसए ने अवकाश नहीं दिया। इस कारण उसे एक महीने का चिकित्सा अवकाश लेना पड़ा था। इसके बाद शिक्षिका ने दोबारा 21 मार्च को बाल्य देखभाल अवकाश के लिए आवेदन किया तो बोर्ड परीक्षा का हवाला देते हुए अवकाश के लिए इंकार कर दिया गया, जबकि उनके स्कूल से 14 में एक भी शिक्षिका की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में नहीं लगाई गई। बाल्य देखभाल अवकाश नहीं मिलने के कारण उसे दोबारा 20 दिन का चिकित्सा अवकाश लेना पड़ा। शिक्षिका ने आरोप लगाया कि उसने तीसरी बार 20 अप्रैल को बाल्य देखभाल अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जो 25 अप्रैल से शुरू होना था, लेकिन बीएसए ने उसे निरस्त कर दिया। जबकि उनके स्कूल की तीन शिक्षिकाओं की बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) मंजूर कर दी गई, जिन्होंने उनके साथ ही आवेदन किया था।
आरोप है कि बीएसए कार्यालय में आठ हजार रुपये लेकर बाल्य देखभाल अवकाश दिया जाता है। अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन होने के बावजूद फार्म भरवाए जाते है, जो कार्यालय में ही छपवाए हुए है। शिक्षिका ने बताया कि उनकी 468 सीसीएल बाकी है। मगर, इसके बावजूद सीसीएल नहीं मिल रही है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। एडीएम अमित कुमार ने जांच कराने का आश्वासन दिया है।
मेरे कार्यालय से सभी को स्थिति को देखते हुए अवकाश दिए जाते है। इस तरह का आरोप गलत है। हमारे यहां पोर्टल पर एक भी अवकाश का मामला लंबित नहीं है। इसका पता कराया जाएगा कि आखिर यह क्या मामला है। - राघवेंद्र सिंह, बीएसए