लखनऊ । प्रदेश सरकार जल्द ही छठे राज्य वित्त आयोग का गठन कर देगी। सरकार ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वित्त विभाग ने आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है। अब जल्द मुख्यमंत्री इस पर फैसला लेंगे। यूं तो छठे वित्त आयोग के गठन की तैयारी विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले नवंबर 2021 में ही शुरू हो गई थी। वित्त विभाग उसी समय से आयोग के गठन से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया था। चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
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प्रदेश में फिर से योगी सरकार बनने पर अब दोबारा वित्त आयोग के गठन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग ने आयोग के गठन का खाका खींचकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है। आयोग के गठन पर फैसला मुख्यमंत्री के स्तर से लिया जाना है। राज्य वित्त आयोग का कार्यकाल तीन साल का होगा। आयोग राज्य करों में निकायों तथा पंचायती राज संस्थाओं की हिस्सेदारी का फार्मूला तय करेगा।
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आयोग निकायों और पंचायती राज संस्थाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए संसाधनों की वृद्धि पर भी अपने सुझाव देगा। छठे राज्य वित्त आयोग द्वारा जो भी सिफारिशें की जाएगीं सरकार उस पर 2025 से अमल शुरू करेगी। गौरतलब है कि पांचवें वित्त आयोग का गठन 2015 में किया गया था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 2018 में सरकार को सौंप दी थी। पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में अप्रैल 2020 से लागू किया गया है।