शिक्षा और सेहत से समझोता नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट, नीट पीजी : काउंसलिंग के एक और राउंड की मांग पर फैसला सुरक्षित

शिक्षा और सेहत से समझोता नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट, नीट पीजी : काउंसलिंग के एक और राउंड की मांग पर फैसला सुरक्षित
नई दिल्‍्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी )-2021 के अखिल भारतीय कोटा में दाखिले के लिए स्ट्रे दौर की काउंसलिंग की एक सीमा है। शिक्षा और लोगों की सेहत से समझौता नहीं कर सकते। कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका पर शुक्रवार तक फैसला सुरक्षित रख लिया। 



केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि खाली पड़ी सीटों में से अधिकतर सीटें गैर-नैदानिक सहमति व्यक्त की। कहा-हर बात काउंसलिंग के बाद भी कुछ सीटें (नॉन क्लीनिकल) विषयों की हैं. की एक सीमा होनी चाहिए। पीठ ने खाली रह गईं, क्या इसलिए आप तीन और काउंसलिंग के आठ से नौ कहा, विशेष स्ट्रे राउंड की कोई सीमा साल के पाठ्यक्रम में डेढ़ वर्ष की दौर के बाद भी खाली रही हैं। इस होनी चाहिए। वर्षों से सीटें खाली देरी से प्रवेश की मांग कर छात्रों की पर जस्टिस एमआर शाह और रहती आ रही हैं और ऐसा कोई पहली शिक्षा और जनस्वास्थ्य से समझौता जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने बार नहीं हो रहा। चूंकि 8-9 दौर की करना चाहते हैं?