लखनऊ । उत्तर प्रदेश के 22 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलने का सिलसिला 21 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इन्हें हेल्थ कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिस पर एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। कर्मियों और पेंशनर्स के परिवार के सदस्य भी इसका लाभ उठा सकेंगे। इस तरह योजना से कुल 75 लाख लोग लाभान्वित होंगे। योजना का लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वेबसाइट sects.up.gov.in पर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों का पंजीकरण भी शुरू कर दिया है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में एक वर्ष में एक कर्मचारी व पेंशनर्स को परिवार सहित कुल पांच लाख रुपये की कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2022-23 में कुल 100 करोड़ रुपये का बजट इस सुविधा को देने के लिए आवंटित किया गया है। बुधवार को इसकी पहली किस्त के रूप में 10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी भी कर दी गई। प्रदेश में कुल 1900 निजी अस्पतालों में अभी आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार की सुविधा दी जा रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों में इन्हें असीमित कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। कैशलेस चिकित्सा सुविधा पाने के लिए हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए वेबसाइट sects.up.gov.in के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा।
भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा किया था। राज्य सरकार ने इसे अमलीजामा पहना दिया है। इस योजना से राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के अलावा उनके परिवार भी लाभांवित होंगे। इन परिवारों को आयुष्मान योजना में पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी। जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।