यूपी में कहीं रैनबसेरा में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग तो कहीं नेटवर्क ही गायब, बीईओ पर होगी कार्रवाई

 राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को पढ़ाने की नई-नई तकनीक सिखाने के लिए राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) प्रयागराज की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लेकिन पिछले दिनों दिया गया आनलाइन प्रशिक्षण अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। आनलाइन प्रशिक्षण कहीं रैन बसेरा में चल रहा है तो कहीं नेटवर्क नहीं है। अधिकतर खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) ने प्रशिक्षण का संसाधन उपलब्ध नहीं करवाया है। इसलिए इसकी रिपोर्ट सीमैट निदेशक ने बेसिक शिक्षा के महानिदेशक को भेज दी है।

कोविड काल से आनलाइन होने लगा शिक्षकों का प्रशिक्षण

कोरोना काल से शिक्षकों का प्रशिक्षण आनलाइन होने लगा था, वह अभी चल रहा है। आनलाइन प्रशिक्षण के लिए सभी ब्लाक में कंप्यूटर, जनरेटर, वेब कैमरा, कालर माइक, ब्राडबैंड कनेक्शन आदि के लिए बीईओ को धनराशि दी गई थी। लेकिन अधिकतर ब्लाकों में बीईओ ने यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई। चूंकि शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना था इसलिए वह मोबाइल से आनलाइन ज़ुड़ रहे थे।

फीडबैक लिया तो मिली आनलाइन प्रशिक्षण में तमाम खामियां

पिछले हफ्ते प्रदेश के 75 जिलों के 725 ब्लाकों में 2,79,830 शिक्षक आनलाइन प्रशिक्षण ले रहे थे। सीमैट के निदेशक दिनेश सिंह ने आनलाइन प्रशिक्षण का फीडबैक लिया तो तमाम कमियां मिली। उन्होंने बताया कि अमेठी के संग्रामपुर ब्लाक में रैनबसेरा में आनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है। नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने से आगरा के खेरागढ़ ब्लाक के शिक्षक जुड़े ही नहीं। अलीगढ़ नगर क्षेत्र के शिक्षक वेब कैमरे के बजाय मोबाइल का प्रयोग कर रहे थे। वहां पर कालर माइक की व्यवस्था बीईओ ने नहीं करवाई थी।

ऐसे ही बिजनौर के जलीलपुर में ब्लूटूथ और कालर माइक की व्यवस्था नहीं थी। बहराइच के पयागरपुर में बैनर और चार्ट नहीं लगाया गया था। बलिया के सभी ब्लाकों में नेटवर्क की समस्या थी। गाजीपुर के करंडा में प्रशिक्षण की मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई और कासिमाबाद में बैठने की भी व्यवस्था नहीं थी। गाजियाबाद के लोनी में प्रतिभागियों का प्री टेस्ट नहीं कराया गया और मुरादनगर के प्रशिक्षण कक्ष में रोशनी की व्यवस्था नहीं थी।

गोरखपुर के भटहट में जनरेटर की व्यवस्था नहीं थी। लखनऊ के गोसाईगंज में ब्राडबैंड नहीं था और हाट स्पाट का प्रयोग किया जा रहा था। यहां पर प्रशिक्षण बीआरसी में न कराकर टीडीएल कालेज में करवाया जा रहा था। प्रयागराज के शंकरगढ़ में जेनरेटर होने के बावजूद नहीं चलाया गया। ऐसे ही लगभग सभी केंद्रों पर अव्यवस्था थी। बीईओ का अपेक्षित सहयोग न मिलने से प्रशिक्षण अव्यवस्थित है। यह रिपोर्ट 27 अक्टूबर को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का संसाधन उपलब्ध न कराने वाले बीईओ के खिलाफ कार्रवाई होगी।

Edited By: Ankur Tripathi