सरकार लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षकों की भर्ती कर सकती है। शासन ने रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है। योगी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1.20 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती कर चुकी है।
वहीं माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 44 हजार से अधिक अध्यापकों को तैनाती दी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग में 51 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं और राजकीय विद्यालयों में 7471 शिक्षकों के पद खाली हैं। वहीं प्रवक्ता के 2215 और सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग में 5256 पद खाली हैं। न्हीं पदों पर भर्तियां करने की तैयारी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति के आदेश दिए थे। अब तक प्रदेश में 1 लाख 64 हजार से अधिक अध्यापकों को तैनाती दी गई है। पिछले पांच वर्षों में अकेले सिर्फ माध्यमिक विद्यालयों में 44 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की है जबकि वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2017 के बीच पूर्ववर्ती सरकारों ने माध्यमिक विद्यालयों में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी। सरकारी व एडेड स्कूलों में 33 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों, 6 हजार से अधिक प्रवक्ता और 800 से अधिक प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की है।
पारदर्शी हुई भर्ती प्रक्रिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को शिक्षक भर्ती में लिखित परीक्षा को अनिवार्य किया। छात्र संख्या के मानक के आधार पर अध्यापकों को विद्यालय में तैनाती की व्यवस्था लगातार की जा रही है। सरकार ने पांच वर्षों में 1270 डायट प्रवक्ता, 34 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, 45 वरिष्ठ प्रवक्ता और 309 खंड शिक्षा अधिकारी तैनात किए हैं।