सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे राज्य के प्रत्येक विकास खंड में स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान करें और उनका निकटतम सरकारी प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित करें. महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरण आनंद ने शिक्षकों को प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के जैसा प्रोफेश्नलिज्म और पढ़ाने का तरीका अपनाने के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश भी दिया है.
गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार 03 जुलाई से यूपी के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल खुल चुके हैं. अब राज्य के 1.5 लाख से अधिक स्कूलों के हर एक शिक्षक को इस सेशन में 50 नए बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार, यह कदम अप्रैल/मई में 'स्कूल चलो अभियान' की समीक्षा के बाद लिया गया है. इसमें पाया गया था कि इन सरकारी स्कूलों में नए नामांकन की प्रगति 'असंतोषजनक' थी.
उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे राज्य के प्रत्येक विकास खंड में स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान करें और उनका निकटतम सरकारी प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित करें. महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरण आनंद ने शिक्षकों को प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के जैसा प्रोफेश्नलिज्म और पढ़ाने का तरीका अपनाने के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश भी दिया है.
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) की समीक्षा बैठक में, महानिदेशक ने अधिकारियों से 2023-24 सत्र को 'आदर्श सत्र' बनाने को कहा है. उन्हें कक्षा 5 से 8 के बीच स्कूल न जाने वाले/ड्रॉपआउट छात्रों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी पढ़ाई जारी रहे.