UP Teachers Transfer: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात हजारों अध्यापकों का अंतर जनपदीय तबादला किया गया था। लेकिन, सोमवार (3 जुलाई) को अध्यापकों के स्थानांतरण में नया पेंच
फंस गया। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्थानांतरण के मामले में निर्देश जारी किए हैं। सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में चयनित अध्यपकों को अगले आदेश तक कार्यमुक्त न किया जाए। इसके बाद ये तय हो गया है कि स्थानांतरण के बावजूद जो अध्यापक जहां कार्यरत है, वह अगले आदेश तक वहीं कार्यरत रहेगें।अध्यापकों का इसलिए टला स्थानांतरण
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के आदेश के बाद हजारों की संख्या में अध्यापक और अध्यापिकाओं का स्थानांतरण टल गया है। क्योंकि अध्यापकों को दो साल की सेवा पूरी होने के बाद स्थानांतरण किया गया था। बता दें ऐसे अध्यापकों को ट्रांसफर के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई थी, जिन्होने पांच साल की सेवा पूरी कर ली हो। जबकि 69 हजार भर्ती 2020 में हुई थी। ऐसे में 2020 में भर्ती हुए शिक्षकों की सेवा अभी पांच साल पूरी नहीं हुई है। इसीलिए इन अध्यापकों के स्थानांतरण को रोक दिया गया है।
एक जुलाई को जारी किए गए आदेश में सचिव ने लिखा कि 69 हजार भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के 13 मार्च को आए आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी है। सचिव ने आगे कहा कि ऐसे में एक जून 2020 की चयन सूची संशोधित होने पर अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में परिवर्तन होने की संभावना को देखते हुए 69 हजार भर्ती के अध्यापकों को कार्यमुक्त न किया जाए। सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल जिन शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण की सूची में नाम आया है, वह कार्य मुक्त होने के लिए आवेदन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर कोई शिक्षक आवेदन करता है तो जिला स्तर पर उसे निरस्त कर दिया जाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने इसी साल 13 मार्च को 69 हजार शिक्षक भर्ती की चयन सूची समीक्षा करने का आदेश दिया था।
बता दें कि 27 जून को 16 हजार 614 बेसिक शिक्षकों स्थानांतरण हुआ था। तबादला की सूची जारी होने के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के आदेश एक बाद एक फिर अध्यापकों में मायूसी छा गई है।