आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए ‘फाइल आईटीआर नाउ, पे टैक्स लेटर’ सुविधा शुरू की है। इसकी मदद से कोई भी करदाता अभी आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद भी भविष्य में बकाये कर का भुगतान कर सकता है। आयकर विभाग की वेबसाइट पर यह विकल्प मुहैया करा दिया गया है।
वर्तमान व्यवस्था में आईटीआर दाखिल करते वक्त लंबित आयकर का भुगतान करना पड़ता है। बिना कर चुकाए आईटीआर को दाखिल नहीं किया जा सकता है। विभाग के अनुसार, यदि किन्हीं कारणों की वजह से कई करदाता बकाया कर नहीं चुकाने में समक्ष नहीं हो पाते हैं। ऐेसे में यह सुविधा उन्हें राहत देगी।
आयकर विभाग के अनुसार इस नई सुविधा में आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता कुछ शर्तों के साथ बकाया कर का भुगतान बाद में करने विकल्प चुन सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल अग्रिम कर या टीडीएस जैसे कर भुगतान के लिए नहीं किया जा सकता है।
ऐसे चुका सकेंगे आईटीआर दाखिल करने के बाद बकाया कर चुकाने के दो विकल्प मिलेंगे। पहला विकल्प में ऑनलाइन तरीके से भुगतान कर पाएंगे। दूसरे विकल्प के तहत कर मांग का नोटिस प्राप्त करना होगा, जिसके बाद आयकर चुका सकेंगे।
बाद में भुगतान करें’ का विकल्प चुनने के बाद आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद बकाया कर का भुगतान आयकर विभाग के निर्देशों के मुताबिक करना होगा। तय समयसीमा के भीतर भुगतान करने पर ब्याज नहीं चुकाना होगा।
रिटर्न भरने करने की प्रक्रिया के दौरान जरूरी जानकारियां दर्ज करें। आयकर पोर्टल स्वचालित रूप से गणना करेगा कि कोई अतिरिक्त कर बकाया तो नहीं है। देनदारी होने पर आप ‘बाद में भुगतान करें’ या ’अभी भुगतान करें’ विकल्प का चुन सकते हैं।
करदाता को इन शर्तों का ध्यान रखना होगा
इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं। मसलन, आईटीआर दाखिल करते समय इस विकल्प का चयन करते हैं तो शर्तों के विकल्प दिखाई देंगे। पहले में करदाता को डिफाल्टर माना जा सकता है। दूसरे में लिखा होगा कि आप देय कर पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं। यानि इसका सुविधा का इस्तेमाल करने पर ब्याज समेत अधिक कर चुकाना पड़ सकता है।
आयकर भुगतान के लिए 30 दिन का समय मिलेगा
विभाग के अनुसार, आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता को नोटिस भेजा जाएगा। इसमें कर की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा, जिसमें कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगेगा। यदि बकाया कर का भुगतान 30 दिनों के बाद किया जाता है तो दंडात्मक ब्याज लागू होगा।