6 सितंबर को होगी मामले की सुनवाई, 20 अगस्त को हुई थी परीक्षा
प्रयागराज | बीएड डिग्री धारकों की प्राथमिक स्कूल में नियुक्ति का विवाद थमने का नाम नही ले रहा। सुप्रीम के कोर्ट के निर्णय के बाद अब शिक्षक पात्रता परीक्षा से बीएड डिग्री धारकों को बेदखल करने की मांग वाली एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है।
याची शकील खान की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विकास बुधवार की अदालत सुनवाई कर रही है।
याची की अधिवक्ता तान्या पांडे ने दलील दी है कि बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक कक्षाओं में अध्यापन पर रोक लगाए जाने के बाद, उन्हे राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जो बीएड डिग्री धारक 20 अगस्त को हुई पात्रता परीक्षा में शामिल हुए है, उनके परिणाम को रोक दिया जाएं। उन्होनें राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की योग्यता में भी संशोधन की मांग भी की है।
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद की ओर से पेश वकील एचएन पांडे ने याची की पोषणीयता पर सवाल खड़ा किया है। कहा की याची व्यथित पक्षकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अगर यह पाया जाता है कि अभ्यर्थी के पास आपेक्षित योग्यता नहीं है तो उसका चयन नहीं किया जायेगा। लेकिन इस स्तर पर पात्रता परीक्षा और उसके परिणाम से वंचित किया जाना उचित नहीं है।
लंबित याचिका, राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2021 में दिए गए निर्णय का का हवाला देते हुए याचिका को निस्तारित करने की मांग की।