शादीशुदा भाई नहीं है अनुकंपा नियुक्ति का हकदार : हाईकोर्ट

 प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अविवाहित मृतक कर्मचारी के शादीशुदा भाई को अनुकंपा नियुक्ति देने से इन्कार कर दिया। कहा कि शादीशुदा भाई अविवाहित मृतक कर्मचारी का आश्रित होने का दावा नही कर सकता।



यह फैसला न्यायमूर्ति अजीत कुमार की अदालत ने याची संजय कुमार याचिका को खारिज करते हुए सुनाया। याची ने पीएसी गोरखपुर में ड्राइवर के पद पर तैनात रहे मृतक अविवाहित भाई के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति के दावे को खारिज करने वाले आदेश को चुनौती दी थी। याची के अधिवक्ता दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा विमला देवी के प्रकरण में स्थापित विधि व्यवस्था के आलोक में याची को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की थी। दलील थी कि विमला देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बहन को भाई की अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना है। तो शादीशुदा भाई के साथ लैंगिक भेदभाव न कर, अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना जाना चाहिए।

कोर्ट ने याची के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अविवाहित मृतक कर्मचारी का आश्रित केवल अविवाहित भाई, बहन, माता और पिता को ही माना जा सकता है। वर्तमान मामले में याची शादीशुदा होने के साथ ही मृतक कर्मचारी का बड़ा भाई है। इसलिए उसे मृतक भाई की अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं माना जा सकता।