नई दिल्ली, एजेंसी। लेटरल एंट्री के जरिए सरकारी कर्मियों की भर्ती करने के सरकार के फैसले की आलोचना के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को स्पष्ट किया ये पद किसी भी सिविल सेवा के रोस्टर में कटौती नहीं करते। इसका नियमित पदों के लिए आरक्षण प्रणाली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
वैष्णव ने कहा कि ये पद अस्थायी हैं और सिर्फ तीन साल के लिए सृजित किए गए हैं। उन्होंने विपक्ष की आलोचना को झूठा और निराधार करार दिया। उन्होंने कहा, लेटरल एंट्री यूपीए शासन में भी की गई थी लेकिन यह गैर-व्यवस्थित तरीके से की गई थी। अब सरकार ने यूपीएससी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है।
वैष्णव ने कहा, ये नई नौकरियां किसी भी सेवा के रोस्टर में कटौती नहीं करतीं। रोस्टर में यह बताया जाता है कि कितने एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवार लेने होंगे और शेष सामान्य होंगे।