लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी प्रदर्शन जारी रखा। बारिश के बावजूद अभ्यर्थी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिसर में धरने पर बैठे रहे। वे नई मेरिट सूची व भर्ती के लिए काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात रहा। एससीईआरटी कार्यालय व स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के गेट
बंद कर दिए गए। सिर्फ अधिकारियों व कर्मचारियों को ही प्रवेश दिया गया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को अभी तक अधिकारी कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए हैं कि कब नई मेरिट सूची जारी होगी।
प्रदर्शनकारी अमरेन्द्र पटेल व विजय यादव का कहना है कि जब तक उनके हाथ में नई मेरिट सूची व काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करने का आदेश नहीं आ जाता, वे आंदोलन जारी रखेंगे। आखिर हाईकोर्ट के आदेश को लागू कराने में देर क्यों
की जा रही है? जब सरकार की मंशा साफ है कि वह आरक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह लागू करेगी तो फिर देर क्यों हो रही है?
मंगलवार व बुधवार की आधी रात को प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को पुलिस ने धरने से उठाकर उन्हें राजधानी में दूर-दराज विभिन्न क्षेत्रों में जाकर छोड़ दिया था। ऐसे में बुधवार को अभ्यर्थियों ने रणनीति के तहत शाम साढ़े छह बजे तक ही प्रदर्शन किया और वे खुद उठकर अलग-अलग स्थानों पर चले गए।
अब वह गुरुवार को फिर यहां एकजुट होंगे और प्रदर्शन करेंगे। उधर नई मेरिट सूची बनने के बाद परिषदीय स्कूलों में जिन अनारक्षित श्रेणी के कार्यरत शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, वे भी गुरुवार से एससीईआरटी परिसर में आंदोलन शुरू करेंगे। शिक्षक सर्वेश प्रताप सिंह ने बताया कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग रखेंगे। सरकार ने उन्हें रोजी-रोटी दी है और वे चार वर्षों से सेवा कर रहे हैं। ऐसे में अब सरकार उनकी नौकरी बचाए