69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपना दल (एस) की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी टिप्पणी की। अनुप्रिया पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अस्थाई रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है।
अगली सुनवाई में दोनों पक्षों से मामले के संबंध में अपनी दलीलें पेश करने के लिए कहा है। जहां तक अपना दल (एस) का सवाल है तो पार्टी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ मज़बूती के साथ खड़ी है। उन्होंने यूपी सरकार से कानूनी प्रक्रिया से इतर राजनीतिक रूप से तमाम उपलब्ध विकल्पों में से ऐसा विकल्प चुनना चाहिए, जो सभी को स्वीकार्य हो। किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का शुरू से मानना है कि 69000 भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। जिसकी पुष्टि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नई सूची जारी करने का आदेश देकर की थी। हम अब भी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं। अनुप्रिया ने कहा कि हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को अन्याय का शिकार हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती से जुड़े आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश न हों। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के विस्तृत अध्ययन के लिए सिर्फ अस्थाई रोक लगाई है।