📌 *#ओबीसी-एससी चयनित साथी ध्यान दे* 📌
➡️ साथियों आपने 9 तारीख की बहस को देखा सुना व समझा उसके बाद भी आप लोग चिर निंद्रा में सोए हुए है। रोबिन सिंह की याचिका में सीधा सीधा ये मांग की गई है कि जो भी TET में 82-89 के बीच आरक्षण ले कर TET पास किये है, भले ही उनका गुणांक 75 हो मगर उनको उनकी कैटेगरी यानी ओबीसी-एस सी की सीट में ही रखा जाए। इसके अलावा इन्होंने ये बहस की है कि ATRE मात्र एक पात्रता परीक्षा नही बल्कि ये पार्ट ऑफ सिलेक्शन है। अगर ये तथ्यहीन बात को ये सुप्रीम कोर्ट में सिद्ध कर ले गए हो SM का लोकस बनेगा व वो लोग अपने भारांक के दम पर बनने वाली नई सूची में दावा करेंगे।
➡️ लो मेरिट ओबीसी-एससी को ये बात समझनी पड़ेगी कि यदि कोई भी आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी TET में 82-89 नम्बर लाकर ATRE यानी सुपर टेट में 97 या 97+ नम्बर लाकर अपनी एकेडमिक के दम पर 70 या 75 या जो भी गुणांक बना रहा है वो भी TET में 82-89 नम्बर की मार्किंग की वजह से ओबीसी-एससी की सीट में जगह बनाएगा अगर ऐसा हुआ तो जो आज UR की सीट में बैठकर TET में 82-89 वाला नौकरी कर रहा है वो जब ओबीसी-एससी की सीट पर बैठेगा तो लो मेरिट ओबीसी-एससी ही बाहर होगा, ये बात आपको समझनी होगी और सहयोग करना पड़ेगा।
➡️ रॉबिन सिंह का गुणांक 67.32 है, अगर हाल ही में आये डबल बेंच को ऑर्डर को सरकार ने लागू कर दिया तो रॉबिन सिंह जैसे लोगो के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है इसलिए ये ATRE पर बहस कराकर केवल ये साबित करना चाह रहे है कि अगर हमारी नौकरी जाएगी तो हम आपको भी नौकरी करने नही देंगे।
➡️ अनारक्षित वर्ग की एकता का आप अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाइए कि उन्होंने 10 दिन के अंदर अपनी टीम का सहयोग करके करोड़ो रूपये का फंड इकठ्ठा करके टॉप मोस्ट वकीलों की फौज खड़ी कर दी और इधर अपने आरक्षित वर्ग में अभी लोग इसी गलतफहमी में जी रहे है कि हमे कुछ नही होगा, या हमारी लड़ाई लड़ने वाली टीम चंदा चोरी के लिए ऐसा कह रही है।
➡️ अगर टीम को चंदा चोरी ही करनी होती तो जिस दिन अनारक्षित वर्ग के लोगो ने सुप्रीम कोर्ट में कदम रखा था उसी दिन से हमारी टीम भी खाता संख्या जारी कर देती मगर हमारी टीम ने उस समय शान्त रहने को ही सबसे बोला व कही पर किसी को भी सहयोग करने से मना किया। हम तो 9 तारीख की बहस सुनने के बाद स्थिति परिस्थिति के अनुसार आपके बीच सहयोग के लिए आये है। सहयोग केवल इस लिए लिया जा रहा है जब कोर्ट रूम में हमारे वर्ग के अहित के लिए कोई भी पक्ष जब बात रखे तो हम उस अहित करने वाली बात को उस समय गलत कह सके।
➡️ हाई मेरिट ओबीसी-एससी वाले साथी इस गलतफहमी में है कि हमारा क्या होगा, हमारा तो कुछ भी नही बिगड़ेगा तो सही बात यही है कि अगर ओवरलैपिंग पर बहस होगी तो आपका कुछ नही बिगड़ेगा मगर आपको याद किया जाएगा कि जब आपके वर्ग के लोगो के साथ गलत हो रहा था तो आप तमाशा देख रहे थे। अगर ATRE पर बहस हो गयी और हमारे विपक्षी जीत गए तो सबकी नौकरी जाएगी। इसके इतर टॉप मेरिट सामान्य वर्ग के लोगो से सीखिए कि उन्होंने डबल बेंच ऑर्डर लागू होने से बाहर हो रहे अपने लो मेरिट के साथियों के लिए दिल खोलकर सहयोग किया है मगर हमारे ओबीसी-एससी वर्ग के साथी इसलिए सहयोग नही कर रहे कि हमारा कुछ नही बिगड़ेगा।
➡️ अगर इस भर्ती में किसी भी कारण से ओवरलैपिंग बंद हो गयी तो हम अपनी भविष्य की पीढ़ियों को क्या जवाब दोगे ? आगे की पीढियां ये कहेंगी कि हमारे वर्ग के साथ जब गलत हो रहा था तो हमारे वर्ग के साथी तमाशाबीन होकर तमाशा देख रहे थे। इसलिए स्थिति को समझिये अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग करिए, सहयोग के लिए लोगो को जागरूक करिए, बस इतना सा सबसे निवदेन है।
*धन्यवाद*