शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई, अध्यापकों ने नियमावली की अनदेखी का आरोप लगाकर रोष जताया

 मेरठ। शिक्षकों के समायोजन में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने रविवार को चौधरी चरण सिंह पार्क में बैठक की। इसमें सड़क से न्यायालय तक लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया।


न्यायालय में शिक्षकों की पैरवी करने वाले हिमांशु राणा ने कहा कि एनसीटीई शिक्षकों की न्यूनतम शैक्षिक अर्हता तय करती है, लेकिन नियमों की अनदेखी की जा रही है। इसको लेकर याचिका दायर की गई। इस पर जनवरी में समायोजन पर रोक लगा दी गई थी।


उन्होंने आरोप लगाया कि अब सरकार ने जूनियर और हेड पदों को खत्म करने का रास्ता निकाला है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालय, जहां 150 से कम छात्र संख्या हैं, वहां हेडमास्टर के पदों को खत्म करने की कवायद की जा रही है। यह पूर्ण रूप से अवैधानिक है। सरकार की मंशा प्रदेश के स्कूलों को बंद करने की है। विद्यालय में कनिष्ठ वरिष्ठ का समायोजन किया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा नियमावली के नियम कहते

हैं कि बिना शिक्षक की मर्जी के किसी का भी समायोजन नहीं किया जा सकता है। इसका न्यायालय से लेकर सड़कों तक विरोध किया जाएगा। बैठक में अजय तोमर, सत्येंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।