लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की डिजिटल हाजिरी व्यवस्था को लेकर विभाग ने नाराजगी जताई है। जिला स्तर पर रुचि न लिए जाने के कारण प्रदेश में सिर्फ 30 फीसदी से भी कम बच्चों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज हो पा रही है। हालात इतने खराब हैं कि गोण्डा, उन्नाव और महाराजगंज जैसे जिलों में एक फीसदी से भी कम बच्चों की डिजिटल हाजिरी लग रही है।
डिजिटल हाजिरी में भारी लापरवाही
विभाग द्वारा 16 दिसंबर को जारी जिला-वार आंकड़ों के अनुसार:
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प्रदेश में कुल 1,32,829 परिषदीय विद्यालय
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कुल 1,29,52,172 छात्र नामांकित
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सिर्फ 3,812 स्कूलों में ही बच्चों की डिजिटल हाजिरी दर्ज
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इनमें केवल 38,71,561 बच्चों (30% से कम) की उपस्थिति दर्ज हो पा रही है
यह स्थिति डिजिटल शिक्षा निगरानी व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को दर्शाती है।
इन जिलों में स्थिति बेहद खराब
डिजिटल हाजिरी के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले:
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गोण्डा – 0.64%
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उन्नाव – 0.66%
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महाराजगंज – 0.62%
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हरदोई – 3.29%
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देवरिया – 4.16%
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बहराइच – 4.06%
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बलरामपुर – 4.94%
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मथुरा – 5.99%
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मुरादाबाद – 5.97%
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कुशीनगर – 5.94%
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बरेली – 5.46%
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आजमगढ़ – 8.38%
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गाजियाबाद – 9.07%
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गोरखपुर – 9.22%
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लखीमपुर खीरी – 9.49%
कौशाम्बी बना प्रदेश में नंबर-1
वहीं कुछ जिलों ने डिजिटल हाजिरी में बेहतर प्रदर्शन किया है।
सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले जिले:
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कौशाम्बी – 98.09%
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प्रयागराज – 86.34%
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बागपत – 74.50%
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बुलन्दशहर – 73.34%
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भदोही – 69.12%
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आजमगढ़ – 67.58%
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सीतापुर – 65.32%
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संत कबीर नगर – 64.84%
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गाजीपुर – 63.80%
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मिर्जापुर – 63.67%
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पीलीभीत – 63.60%
विभाग ने अपनाया सख्त रुख
डिजिटल हाजिरी की खराब स्थिति को देखते हुए विभाग ने:
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सभी जिलों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए हैं
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लापरवाह जिलों पर सख्ती के संकेत दिए हैं
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डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय लिया है
आने वाले समय में इस मामले में जवाबदेही तय की जा सकती है।
निष्कर्ष
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की डिजिटल हाजिरी शिक्षा की निगरानी और पारदर्शिता के लिए बेहद जरूरी है। जहां कुछ जिलों ने शानदार प्रदर्शन किया है, वहीं कई जिलों की लापरवाही चिंता का विषय बनी हुई है। विभाग की सख्ती से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा।