HRDM ने 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों के नाम में पाया फर्जीवाड़ा
नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज कहा कि एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में उसे 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों के फर्जी नाम का पता चला है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आंकड़े भी बताये
जिसके मुताबिक एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त 7155 संस्थानों में फर्जी शिक्षकों की संख्या 9060 है।
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नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज कहा कि एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में उसे 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों के फर्जी नाम का पता चला है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आंकड़े भी बताये
जिसके मुताबिक एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त 7155 संस्थानों में फर्जी शिक्षकों की संख्या 9060 है।
इसमें बताया गया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) ने सभी
तकीनीकी संस्थानों के शिक्षकों के ब्यौरा के उन्नयन का काम शुरू किया है
जिसमें उनके पैन कार्ड और आधार कार्ड के बारे में भी वेबपोर्टल पर जिक्र
होगा ताकि शिक्षकों का फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
ईरानी ने कहा कि करीब 33.85 फीसदी शिक्षकों ने अपने आधार कार्ड का ब्यौरा सौंपा है जबकि 73.91 फीसदी शिक्षकों के पैन कार्ड के ब्यौरे को एआईसीटीई की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को खत्म करने के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल में ईरानी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने निजी संस्थानों से समझौता कर काफी संख्या में कक्षाओं के माध्यम से ऐसे कार्यक्रमों की पेशकश की है जो विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद उच्च शक्ति प्राप्त समिति की रिपोर्ट के आधार विश्वविद्यालय ने कुछ कार्यक्रमों को खत्म कर दिया या दरकिनार कर दिया।
ईरानी ने कहा कि करीब 33.85 फीसदी शिक्षकों ने अपने आधार कार्ड का ब्यौरा सौंपा है जबकि 73.91 फीसदी शिक्षकों के पैन कार्ड के ब्यौरे को एआईसीटीई की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को खत्म करने के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल में ईरानी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने निजी संस्थानों से समझौता कर काफी संख्या में कक्षाओं के माध्यम से ऐसे कार्यक्रमों की पेशकश की है जो विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद उच्च शक्ति प्राप्त समिति की रिपोर्ट के आधार विश्वविद्यालय ने कुछ कार्यक्रमों को खत्म कर दिया या दरकिनार कर दिया।
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