शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में 25
फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले की खराब स्थिति पर शासन ने नाराजगी
जताई है।
इस मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बीते दिनों जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों के दाखिने कराने केनिर्देश दिए थे। कई दिन बीत जाने के बाद अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से पूछा गया है कि उन्होंने आरटीई के अंतर्गत कितने दाखिले कराए। उसका पूरा ब्यौरा तीन दिन के अंदर भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक (शिविर) केके गुप्ता ने सोमवार को जेडी व डीआईओएस को पत्र भी जारी कर दिया। दरअसल, आरटीई के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिला देने का प्रावधान है। जिन छात्रों का दाखिला कराया जाता है, उसकी फीस प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करती है। लेकिन फिर भी गरीब बच्चों को दाखिला देने में स्कूल रुचि नहीं दिखाते। साथ ही विभागीय अधिकारी भी कोई खास रुचि नहीं लेते। यही वजह है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में 3200 छात्रों का दाखिला दिलाया। जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग एक बच्चे को भी दाखिला नहीं दिला सका था।
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