गोरखपुर : सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में सरकारी योजनाओं की कार्यान्वयन की पड़ताल करने आडिट टीम बीएसए दफ्तर पहुंच चुकी है। टीम के यहां गोरखपुर पहुंचने की जानकारी से ही संबंधित प्रधानाध्यापक और अधिकारियों की सांसे अटक गई हैं।
प्रधानाध्यापक तो फोन भी नहीं उठा रहे। कार्यो में अनियमितता करने वालों को आडिट में पकड़े जाने का डर सताने लगी है।
फिलहाल, दिल्ली से आई आडिट टीम ने केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत परिषदीय स्कूलों में खर्च होने वाले बजट की पड़ताल शुरू कर दी है। टीम की मौजूदगी से बीएसए दफ्तर से लगायत शिक्षकों में हलचल मची है। प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी आडिट को गंभीरता से लिया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश का हवाला देते हुए संघ ने आपत्ति जताई है। उन्होंने विद्यालय खुलने के बाद जुलाई में आडिट की मांग की है। विभागीय सूत्रों की माने तो आडिट टीम ने स्कूलों की ब्लाकवार सूची बना ली है। टीम के लोग ने स्कूल के प्रधानाध्यापकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है, जिनसे संपर्क साध रहे हैं उन्हें स्कूल बुला रहे हैं, लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं पहुंच रहे। अधिकतर प्रधानाध्यापक ने तो मोबाइल का स्वीच आफ कर लिया है। हालांकि, कुछ स्कूलों की पड़ताल हुई है। विद्यालय ही नहीं ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) को मिलने वाले धन और खर्च की भी जांच शुरू हो गई है। जहां गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अब देखना है कि टीम स्कूलों की आडिट करके वापस जाती है या जुलाई में फिर वापस आती है।
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