अधर में 1652 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की भर्ती: विवादों की वजह से नहीं आगे बढ़ पाई नियुक्ति प्रक्रिया

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : लंबे समय तक ठप रहने के बाद नए स्वरूप में आए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की भर्ती के लिए तेजी से कदम बढ़ाए हैं लेकिन 1652 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया अधर में ही फंस गई है।
इस भर्ती के लिए आयोग लिखित परीक्षा संपन्न करा चुका है लेकिन परिणाम नहीं घोषित हो सके। तमाम विवादों की वजह से आयोग फिलहाल इससे दूरी ही बनाए हुए है। 1उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 1652 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन मार्च 2014 में निकाला था और पहली बार इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। इससे पहले मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति का प्रावधान था। कई चरणों में लिखित परीक्षा हुई और इसके साथ ही इस भर्ती से तमाम विवाद जुड़ने लगे। आयोग के पूर्व अध्यक्ष एलबी पांडेय ने इस परीक्षा की कापियों की स्कैनिंग शुरू कराई तो गड़बड़ियों के कई साक्ष्य भी सामने आए थे।

उस दौरान लगभग दो सौ कापियां सादी पाई गई थीं। माना जा रहा था कि ऐसा साजिशन किया गया था। इसके अलावा यह चर्चा भी थी कि आयोग के तत्कालीन सदस्यों और अधिकारियों के रिश्तेदार भी इस परीक्षा में शामिल हैं। इन्हीं विवादों के बीच तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्यों का नियुक्तियां हाईकोर्ट ने अवैध भी ठहरा दी थीं। 1इसके बाद आयोग के गठन की नए सिरे से प्रक्रिया शुरू हुई और प्रभात मित्तल अध्यक्ष बनाए गए। सदस्यों की नियुक्ति के बाद आयोग ने 1150 पदों का नए सिरे से विज्ञापन भी जारी करा दिया है और उसके लिए आवेदन लेने का कार्य जारी है। ऐसे में 1652 पदों की भर्ती आगे बढ़ेगी, इसको लेकर संशय बना हुआ है। आयोग ने भी फिलहाल इस मसले पर चुप्पी ही साध रखी है।
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