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मेरिट नहीं मेधा से बनें शिक्षक, एलटी ग्रेड शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों के लिए एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी है। इसमें चयन का पैटर्न बदलने के बजाए सिर्फ नियमावली में बदलाव हो रहा है, जबकि मेरिट के
बजाए मेधा के जरिए शिक्षक चयन की मांग हो रही है,
क्योंकि पद, योग्यता एक है तब चयन प्रक्रिया अलग क्यों है। अशासकीय कालेजों की तर्ज पर राजकीय कालेजों में भी लिखित परीक्षा व इंटरव्यू लिया जाए।
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में वर्ष 2014 में 6645 एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अलग-अलग मंडलों में मेरिट बनने के कारण एवं अन्य विसंगतियों के चलते दो साल में एक तिहाई पद ही भरे जा सके हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशकों को चेतावनी देने के बाद से यह नियुक्तियां रुकी है। माना जा रहा है कि नियमावली में बदलाव होने के बाद बचे एवं नए खाली पदों पर भर्ती होगी। यह भर्तियां मंडल के बजाए राज्य स्तर पर होंगी। राजकीय कालेजों में मेरिट के आधार पर ही नियुक्तियां होती हैं, वहीं अशासकीय कालेजों में इसी पद के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू देना होता है। पिछले वर्ष टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा ने राजकीय कालेजों में नियुक्तियां लिखित परीक्षा के बाद कराने की मांग की थी।
शिक्षा विभाग के अफसरों ने युवाओं को आश्वस्त किया था कि वह इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे, लेकिन प्रस्ताव भेजना दूर इस ओर चर्चा तक नहीं की गई। ऐसे में अलग-अलग कालेजों में एक ही पद के लिए चयन की अर्हता भी अलग है। इसे समान करने के लिए फिर से आंदोलन छेड़े जाने की तैयारी है। युवाओं का कहना है कि नियमावली में बदलाव के साथ ही परीक्षा एवं साक्षात्कार को भी शामिल किया जाए।

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