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72825 भर्ती सेवा नियमावली

1- भर्ती सेवा नियमावली में संशोधन कर Old ad 30-11-2011 को निकाला गया ,एक चुनी हुई सरकार द्वारा ,अगर भर्ती अपने तय समय में पूर्ण हो जाती तो आज ये आपका प्रश्न ही ना होता...
2- 2012 में नई सरकार आई उसने भर्ती नियमावली में संशोधन कर एक ad निकाला (72825)
उसकी पूरी प्रोसेस कम्प्लीट हो कर एक दिन की काउंसलिंग भी हो चुकी है...
इसी बीच इलाहाबाद hc ने 15 संशोधन को अल्ट्रा वायरस घोषित कर दिया (कैसे आर्टिकल 14 का वाय्लेँस करता है ये नहीँ बताया )
खैर मामला sc में विचाराधीन है...
बिना बेस ऑफ सेलेक्शन डिसाइड हुये एक विज्ञापन पर भर्ती हो रही है (sc के अंतरिम आदेश के तहत जो sc के अंतिम आदेश पर निर्भर करेगी )
तो दूसरा विज्ञापन भी तो उसी कोर्ट में ही विचाराधीन है ,उसमें भी जितने योग्य बेरोजगारो ने आवेदन किया है उनका हित प्रभावित हो रहा है....
उस विज्ञापन पर भी तो अंतरिम आदेश मिल सकता है ,...जो अंतिम निर्णय के अधीन हो...
अब आपके मूल प्रश्न का जवाब...
दोनों विज्ञापन अलग अलग है...
दोनों विज्ञापनों का समय अलग अलग है....
दोनों विज्ञापन अलग अलग सेवा नियमावली को फालो कर रहे है...
मामला कोर्ट में होने के कारण ये स्थिती उत्पन्न हुई है...
रही बात जो लोग कहते है की एक समय में दो नियमावली से जोइनिँग कैसे होगी...
उनके लिये नियमावली विज्ञापन की फालो होती है...
उदाहरण..
btc 2007,2008 की भर्ती की कुछ सीतो पर जोइनिँग आज भी दी जा रही उसी विज्ञापन की नियमावली के अनुसार....
वैसे भी यहाँ bed वालों के लिये शीघ्र और सुरक्षित अधिकतम पदों को प्राप्त करने का प्रयास ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिये..
दोनों विज्ञापन के पद सिर्फ bed वालों के लिये है...
उतने पद यानी 145650 पद आसानी से प्राप्त किये जा सकते है...
बस ऐसा होने से एक ही नुकसान है...
ठगाई का ,नेतागीरी का ,बेरोजगारों के शोषण का धँधा ख़त्म हो जायेगा...
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