प्राथमिक स्कूलों में 16460 सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू होने से पहले ही फंसती नजर आ रही है। एक ओर बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री से मंजूरी मांगी है। दूसरी ओर हाईकोर्ट से अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के संशोधन निरस्त होने के बाद शून्य की स्थिति पैदा हो गई है।
दरअसल प्रदेश में 13 नवंबर 2011 को पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा होने से चार दिन पहले तत्कालीन बसपा सरकार ने 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने संबंधी संशोधन नियमावली में किया। टीईटी में धांधली के आरोप लगने और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद सपा सरकार ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित कमेटी से पूरे मामले की जांच करवाई।
रिपोर्ट की संस्तुति पर सरकार ने शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर करने संबंधी नियमावली में संशोधन कर दिया। इसके आधार पर दिसंबर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का नए सिरे से विज्ञापन जारी किया। हालांकि हाईकोर्ट ने दिसंबर 2012 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार को टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति पूरी करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर ही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। दूसरी ओर टीईटी मेरिट समर्थकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एकेडमिक मेरिट के लिए अध्यापक सेवा नियमावली में किया गया 15वां और 16वां संशोधन रद्द करते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट को रेफर कर दिया है।
इससे एकेडमिक मेरिट के आधार पर नौकरी पाने वाले तकरीबन एक लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट पैदा हो गया है। वर्तमान समय में टीईटी मेरिट या एकेडमिक रिकार्ड के लिए किए गए संशोधन सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू या पूरा करना मुश्किल है।
तारीख के आईने में विवाद
31 अगस्त 2012: सपा सरकार ने टीईटी मेरिट के लिए नियमावली में किया गया 12वां संशोधन निरस्त कर दिया था।
20 नवंबर 2013: नियमावली में एकेडमिक रिकार्ड के लिए किया गया 15वां संशोधन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया।
एक दिसंबर 2016: 15वें संशोधन को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने 16वें संशोधन का वह हिस्सा निरस्त किया जिसमें एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर बीटीसी-टीईटी डिग्रीधारियों की भर्ती का प्रावधान किया गया था।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- ऑनलाइन होगी शिक्षक भर्ती, स्क्रीनिंग भी ऑनलाइन
- यूपी में निकली सरकारी नौकरियों की भरमार, चुनिए अपनी मनचाही नौकरी
- तीन तरीके के लोग तीन तरीके के बेस ऑफ़ सिलेक्शन की बात करते हैं , अभी तक एकेडेमिक मे गुणाक सिस्टम है
- पाठक जी को ये मंजूर नही की 72825 से एक भी पद अतरिक्त भरा जाय , याची राहत की सम्भावना कम
- 2432 पदों पर होगी भर्ती, जल्द होगी प्रक्रिया शुरू
- 16460 शिक्षकों की भर्ती हेतु नवम्बर-2016 में रिक्तियां/भर्ती प्रक्रिया में प्रस्तावित आवंटित पदों की संशोधित सूचना
दरअसल प्रदेश में 13 नवंबर 2011 को पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा होने से चार दिन पहले तत्कालीन बसपा सरकार ने 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने संबंधी संशोधन नियमावली में किया। टीईटी में धांधली के आरोप लगने और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद सपा सरकार ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित कमेटी से पूरे मामले की जांच करवाई।
रिपोर्ट की संस्तुति पर सरकार ने शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर करने संबंधी नियमावली में संशोधन कर दिया। इसके आधार पर दिसंबर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का नए सिरे से विज्ञापन जारी किया। हालांकि हाईकोर्ट ने दिसंबर 2012 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार को टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति पूरी करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर ही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। दूसरी ओर टीईटी मेरिट समर्थकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एकेडमिक मेरिट के लिए अध्यापक सेवा नियमावली में किया गया 15वां और 16वां संशोधन रद्द करते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट को रेफर कर दिया है।
इससे एकेडमिक मेरिट के आधार पर नौकरी पाने वाले तकरीबन एक लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट पैदा हो गया है। वर्तमान समय में टीईटी मेरिट या एकेडमिक रिकार्ड के लिए किए गए संशोधन सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू या पूरा करना मुश्किल है।
तारीख के आईने में विवाद
31 अगस्त 2012: सपा सरकार ने टीईटी मेरिट के लिए नियमावली में किया गया 12वां संशोधन निरस्त कर दिया था।
20 नवंबर 2013: नियमावली में एकेडमिक रिकार्ड के लिए किया गया 15वां संशोधन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया।
एक दिसंबर 2016: 15वें संशोधन को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने 16वें संशोधन का वह हिस्सा निरस्त किया जिसमें एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर बीटीसी-टीईटी डिग्रीधारियों की भर्ती का प्रावधान किया गया था।
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