पाठक जी को ये मंजूर नही की 72825 से एक भी पद अतरिक्त भरा जाय , याची राहत की सम्भावना कम

टेट 2011 एक ऐसा अभिशाप है की जो भी इसमें संलिप्त है उसका संघर्ष समाप्त होने का नाम नही ले रहा है ।
राहु काल और भद्रा में हुयी टेट2011 जन्म के समय से विवादित रही है ।
और यह विवाद तब और बढ़ गया जब बसपा सरकार द्वारा केंद्रीय अधिसूचना से छेड़छाड़ करके 30 -11-11 को 72825 का एक विज्ञापन बीएड टेट + sbtc टेट + शिक्षा मित्रो की भर्ती के लिये अध्यापक सेवा नियमावली को तार तार करके जारी किया गया ।
फिर क्या हुआ सभी जानते हैं --
सरिता शुक्ला ने 05 जिलो में आवेदन की बाद्ध्यता को कोर्ट में चुनौती दी , जिसके चलते एक ही ड्राफ्ट से सभी जनपदों में आवेदन की छूट मिल गयी ।
विवाद यही नही रुका -
04 फ़रवरी को कपिल देव यादव ने सर्विस रूल ( नियोक्ता के अधिकारो के अतिक्रमण ) को आधार बना के कोर्ट से sty प्राप्त किया ।।।
चूंकि तत्कालीन सरकार ने धन लोलुपता के कारण 9 नवम्बर को ही केंद्रीय अधिसूचना का अतिक्रमण किया था और उस सरकार का सिद्धांत चिट फण्ड वाला रहा है इसी सिद्धांत के चलते नियमो को ताख में रखकर विज्ञापन जारी किया गया था जो की सरकार बदलने के साथ बदल गया ।।
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सरकार ने कोर्ट की निगरानी में 12 रूल अमेंडमेंट खारिज करके 07 -12-12 को पुनः विज्ञापन जारी किया जो सर्विस रूल और केंद्रीय अधिसूचना के अंतर्गत है
परंतु एक बार पुनः 04 फ़रवरी को नये विज्ञापन पर काउंसलिंग वाले। दिन नवीन श्रीवास्तव + sk पाठक ने कोर्ट से sty प्राप्त किया ।
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मामला संविधान पीठ पहुंचा परंतु बेस of सिलेक्शन पर स्पष्ट ऑर्डर नही हो सका ,
20 नवम्बर को कोर्ट ने अपनी वैयक्तिक विचार धारा के चलते 15 रूल अमेंडमेंट को खारिज करते हुये एक ऑर्डर पास करके अपना पिंड छुड़ा लिया ।।
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मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहाँ बिना मामले की गंभीरता को समझे अंतरिम आदेश पर विवादित भर्ती करवाने का आदेश दिया गया ।
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इसी बीच sp सरकार ने 15 रूल अमेंडमेंट से sbtc +btc+ उर्दू btc+ jrt शिक्षक की लगभग 90000 भर्ती पूर्ण की ।
साथ ही 1लाख 24 हजार शिक्षा मित्रो को वोट बैंक के कारण पूर्ण कालिक शिक्षक बनाया ।।।
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एक बार पुनः sm + jrt का मामला हाई कोर्ट पहुंचा जहां sm को अवैध और जूनियर को सुप्रीम कोर्ट के फाइनल ऑर्डर के आधीन किया गया ।।।।
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आज सभी भर्तियां सुप्रीम कोर्ट के फाइनल ऑर्डर के आधीन हैं ।
जबकि सुप्रीम कोर्ट याची राहत देकर विवाद खत्म करना चाहती है ।
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अब कोर्ट क्या और कब फाइनल ऑर्डर देगी यह कोई नही जानता लेकिन अब बदली परिस्तिथियों में याची राहत की सम्भावना कम है ।
** नवीन श्रीवास्तव को मिली नही और sk पाठक मिलने के बाद भी दुधारू भर्ती के मोह में बचे नही ।
रोडपति से करोड़ पति बन चुके पाठक जी जहां और जब तक है किसी का भला नही होने देंगे ।। पाठक जी को ये मंजूर नही की 72825 से एक भी पद अतरिक्त भरा जाय ।
अब 15 /12 का पोस्ट मार्टम होगा और जो सही होगा व्ही बचेगा ।
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मेरे विचार से भर्ती का एक नया फ़ारमूला तय होगा ।
एक बात और की अब ये विवाद संविधान पीठ में जाकर ही शांत होगा ।।
फिलहाल जो कर रहे है वो खुश न हों और जो अभी तक नही पाएं है वो दुखी न हों - क्योंकि जहाँ से चले थे वहीं पर सब खड़े है ।।
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