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उत्तर प्रदेश सरकार की नियत में है खोट, इसलिए जान बूझकर नियमो की अवहेलना कर भर्ती करती है , जिससे कोर्ट में भर्ती अटके

उपरोक्त बात सोशल मीडिया पर कही जा रही है ,वास्तव में एल टी ग्रेड , टी जी टी आदि सभी भर्तियों में टेट योग्यता भी मांगी जाती है , लेकिन  उत्तर प्रदेश में अलग तरह से उल्टा  पुल्टा हो रहा है ,इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच टेट वेटेज की कहती है तो ध्यान नहीं देते ।

शिक्षक भर्ती में टेट जरूरी है कहती है तो ध्यान नहीं देते ।
कक्षा 6 से 8 तक की भर्ती में टेट जरुरी है
और टी जी टी , एल टी ग्रेड शिक्षक कक्षा 6 से 10 तक के लिए नियुक्त होते हैं और तभी केंद्रीय विद्यालय , दिल्ली सरकार की शिक्षक भर्ती , उत्तराखंड  एल टी ग्रेड शिक्षक भर्ती में टेट भी माँगा जाता है ।

मगर उत्तर प्रदेश में लगभग हर भर्ती में कमी छोड़ी जा रही लगती है और इन कमियों से भर्ती का मामला कोर्ट में लटक जाता है

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मित्रो ,ये देखो एल.टी ग्रेड भर्ती का नियम नहीं है ये है उत्तराखंड में शिक्षक भर्ती का नियम , क्यों ना अगर ऐसा उत्तर प्रदेश में हो तो किस में दम है भर्ती कोर्ट जाये और अकादमिक और टी.ई.टी मेरिट पर चंदे की दुकान भी बंद हो और फ़र्ज़ी बाहर ना हो , बाकि इसे देख कर साफ है की सरकार खुद नहीं चाहती की भर्ती कभी भी पूरी हो और वो वोट बैंक की राजनीति करे , पोस्ट को शेयर करो सभी ग्रुप्स में की उत्तर प्रदेश में भी यही होना चाहिए

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