पिछले कुछ दिनों से फेसबुक के माध्यम से यह देख रहा हूँ कि जो छूत की बीमारी प्राइमरी भर्ती में याची बनाने की थी वही अब जूनियर गणित विज्ञान की भर्ती में भी चलने लगी है ।
चाहे वो मामला बेस आफ सेलेक्शन का हो, या जूनियर में अवैध अभ्यर्थियों का हो ।
बेस आफ सेलेक्शन पर पहली याचिका उमेश कुमार सिंह 28003/१५ जो कि माननीय सुधीर अग्रवाल जी ने 18/8/15 को डिसाइड किया और पुन: मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया और 15 वाँ संशोधन जो कि माननीय अशोक भूषणजी ने २० नवम्बर २०१३ को रद्द कर दिया था उसी की अपेन्डिक्क्स जिसे लोग १६ वाँ संशोधन कहते है उसे भी रद्द कर दिया और Still born कहा जिसका अर्थ होता है पैदा होने से पहले मरना अर्थात किसी भी शिशु की गर्भ में ही मृत्यु होना।
उसके उपरान्त जूनियर नियुक्ति मोर्चा माननीय सुधीर अग्रवाल के आदेश के विरूद्ध, दीपक शर्मा के द्वारा स्पेशल अपील 657/15 दाखिल की गयी और कोर्ट से यह अपील की गई माननीय सुधीर अग्रवाल को (जो कि सिंगल बेंच के जज में बैठ रहे थे अर्थात सिंगल बेंच के जज को) संशोधन रद्द करने का अधिकार नहीं है।
उस समय हाईकोर्ट की खण्डपीठ में माननीय मुख्य न्यायाधीश डाक्टर चन्द्रचूण साहब व न्यायाधीश यशवंत वर्मा जी बैठते थे मामले पर तारीख़ पर तारीख़ मिलती गई और जूनियर मोर्चा के वकील साहब शैलेंद्र श्रीवास्तव जी कोर्ट से भागते रहे और मामला टलता गया।
उसके उपरान्त हमारे द्वारा दो याचिकाये दाखिल हुई
(रिट A 16435/16& 16368/16)
जिसमें हमने जूनियर भर्ती के नियुक्ति के शासनादेश 15/9/15 और सैलरी बाँटने के शासनादेश 16/1/16 को चैलेन्ज किया !
दुर्यभाग्य से यह दोनो याचिकाये माननीय न्यायाधीश बी. अमित स्थालकर ने यह कहकर खारिज कर दी कि हमने सेलेक्शन लिस्ट या किसी अभ्यर्थी को पार्टी नहीं बनाया।
हमने तुरन्त एक महीने बाद नियोक्ता विक्रमादित्य सिंह को पार्टी बनाकर तीन स्पेशल अपील डिफेक्टिव ( 496/16, 489/16 , 454/16 ) दाखिल की!
जो कि माननीय न्यायमूर्ति अरूण टण्डन साहब एवम् माननीय न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल जी की बेंच में गई।
माननीय न्यायाधीश महोदय ने कोर्ट में हमारी प्रेयर को सही माना और विपक्ष के वकील साहब से बहस के दौरान कहा की tet का वेटेज तो देना ही पड़ेगा , साथ ही एडवोकेट जनरल को तलब कर मामले को अगली सुनवाई पर डिसाइड करने के लिये बोल दिया!
उसके उपरांत विरोधी भागने में सफल रहे। मामला टलता गया इसी बीच रोस्टर बदल गया और २०१६ की अपील मुख्य न्यायाधीश महोदय के पास चला गया।
इसी बीच एक नई रिट C-49667/16 संजय कुमार राय दाखिल हुई और सभी याचिकाएं, (हमारी स्पेशल अपील छोड़कर ) अपील ,एक साथ बंच हुई इस पर हमारे द्वारा विरोध किया गया कि हमारी याचिका मुख्य याचिका थी जो कि इस याचिका में नहीं है और मामले को जल्द सुनवाई कर फाइनल किया जाये !
साथ ही हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रभाकर अवस्थी जी द्वारा कोर्ट से कहा गया कि टीईटी की वैधता 25 नवम्बर को समाप्त हो रही है ।
यह बात सुनकर चीफ साहब ने उक्त मुकदमे को 22 नवम्बर को दोपहर २ बजे से सुनवाई के लिये लगा दिया।
22 नवम्बर को मुकदमे की बहस का शुभारंभ प्रभाकर अवस्थी भैया ने किया, मुख्य न्यायाधीश महोदय ने कहा कि अवस्थी जी मैं अशोक खरे साहब को भी सुनना चाहता हूँ क्योंकि स्पेशल अपील 657/15 दीपक शर्मा उनके खिलाफ है।
लगातार 2 दिन बहस हुई पैरा 9-B (tet वेटेज ) के विरूद्ध दाखिल याचिका को हम लोगों ने NCTE का काउंटर एवम फुल बेंच का आदेश cj साहब को दिखाकर खारिज करवा दिया। शेष आदेश सुरछित कर लिया गया!
चूँकि हमारी याचिकाओं में नियुक्ति व सेलरी के शासनादेश को चुनौती दी गई है , तथा tet वेटेज की प्रेयर की गई है...
अतः मुख्य न्यायाधीश महोदय द्वारा हमारी सभी अपील ( 489/16, 496/16, 454/16 स्पेशल अपीलडिफेक्टिव ) को अलग से 22 -दिसंबर को सुनने की तिथि नियत की गई है !
हमारी याचिकाओं में प्रेयर अलग है , अन्य जितनी भी कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी सभी याचिकार्ताओं ने ने Writ C बनाकर बेसिक शिछा नियमावली के १6 वें संशोधन को रद्द करने की माँग की गई थी जब कि इसे माननीय सुधीर अग्रवाल जी द्वारा 18/8/15 को रद्द कर दिया था।
कुछ लोग जो प्राइमरी /जूनियर का केस लड़ रहे थे अब जिले-जिले याची बनाने की दुकानें खोल चुके है !
असली भूकम्प तो 22 दिसम्बर को ही आयेगा क्योंकि हमने कोर्ट में प्रार्थना ही अलग की है
जब 15 वे संशोधन का रूल १४(३) हाईकोर्ट की डबल खण्डपीठ द्वारा रद्द किया जा चुका है और उसे माननीय सुधीर अग्रवाल जी द्वारा भी रद्द किया जा चुका है और फिर एक दिसम्बर 2016 को मुख्य न्यायाधीश महोदय द्वारा भी रद्द किया जा चुका है तो उस नियमावली पर आधारित नियुक्ति आदेश 15/9/15 और सैलरी का आदेश 16/1/16 भी रद्द होना चाहिए जब मकान की नींव ही नहीं बची है तो मकान की छत का कैसे बचेगी।
हमारी टीम की ही मेहनत है कि आज सभी मुकदमे निस्तारित हुए है और सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला, हमारी सभी याचिकाओं के आदेश आप खोलकर देख सकते है। असली खेल 22-12-2016 को हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश महोदय की ही बेंच में होगा।
मैं सबसे ज्यादा हैरान तो तब होता हूँ और शर्म आती है, की जिनका जूनियर भर्ती से कोई लेना देना ही नहीं है, वे लोग भी याची बनाओ अभियान में जुट गये ,
अपनी अपनी फ्रेन्चाय्ची और दलालो के माध्यम से बेरोजगारों को ठगने व लूटने को तैयार हो गये है...
इनमें से कई तो ऐसे है जो प्राइमरी में याची लाभ का दम्भ भरते थे, याची लाभ के सपने दिखा कर लाखो - करोड़ों की लूट की....
पर किसी को भी आज तक याची लाभ नहीँ दिला सके..
अब पुनः वहीँ ठग /दलाल फिर से याची बनाओ अभियान शुरु कर दिये है ,जबकि वास्तविकता ये सभी जानते हैं की अब कोई याची लाभ नहीँ मिलना.....
याची बनने वाले लोग भी स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं की लगता ही नहीँ की ये भावी अध्यापक हैं...
अव्वल तो याची बनने की कोई ज़रूरत ही नहीँ ,कोई लाभ नहीँ मिलने जा रहा किसी को सिर्फ याची बनने से ,
फिर भी
यदि कोई याची बनना ही चाहता हैं तो वह
याची बनाने वाले व्यक्ति /ग्रुप से ये अवश्य पूँछ ले की
1- उनका इस मुद्दे पर अभी तक क्या योगदान हैं ?
2- हाईकोर्ट में सिर्फ रिट कर के भूल गये...
या फिर इस मुद्दे को मेहनत से लड़ा भी ?
3- हाईकोर्ट में इनकी याचिका की मुख्य प्रेयर क्या हैं ?
बेरोजगारों को लूटने के लिये पुनः दर्जनों ठग सक्रिय हो गये हैं ,इनसे बचें....
नीचे हमारी रिटों/अपील की प्रेयर की कॉपी की पीक देखिये ,जिसमें जूनियर भर्ती के नियुक्ति आदेश ,वेतन आदेश को चुनौती सहित ,tet का वेटेज देते हुये भर्ती पूरी करने की बात की गई है....
आपका शुभेच्छु
ॠषि श्रीवास्तव , भास्कर सिंह यादव
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बेस आफ सेलेक्शन पर पहली याचिका उमेश कुमार सिंह 28003/१५ जो कि माननीय सुधीर अग्रवाल जी ने 18/8/15 को डिसाइड किया और पुन: मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया और 15 वाँ संशोधन जो कि माननीय अशोक भूषणजी ने २० नवम्बर २०१३ को रद्द कर दिया था उसी की अपेन्डिक्क्स जिसे लोग १६ वाँ संशोधन कहते है उसे भी रद्द कर दिया और Still born कहा जिसका अर्थ होता है पैदा होने से पहले मरना अर्थात किसी भी शिशु की गर्भ में ही मृत्यु होना।
उसके उपरान्त जूनियर नियुक्ति मोर्चा माननीय सुधीर अग्रवाल के आदेश के विरूद्ध, दीपक शर्मा के द्वारा स्पेशल अपील 657/15 दाखिल की गयी और कोर्ट से यह अपील की गई माननीय सुधीर अग्रवाल को (जो कि सिंगल बेंच के जज में बैठ रहे थे अर्थात सिंगल बेंच के जज को) संशोधन रद्द करने का अधिकार नहीं है।
उस समय हाईकोर्ट की खण्डपीठ में माननीय मुख्य न्यायाधीश डाक्टर चन्द्रचूण साहब व न्यायाधीश यशवंत वर्मा जी बैठते थे मामले पर तारीख़ पर तारीख़ मिलती गई और जूनियर मोर्चा के वकील साहब शैलेंद्र श्रीवास्तव जी कोर्ट से भागते रहे और मामला टलता गया।
उसके उपरान्त हमारे द्वारा दो याचिकाये दाखिल हुई
(रिट A 16435/16& 16368/16)
जिसमें हमने जूनियर भर्ती के नियुक्ति के शासनादेश 15/9/15 और सैलरी बाँटने के शासनादेश 16/1/16 को चैलेन्ज किया !
दुर्यभाग्य से यह दोनो याचिकाये माननीय न्यायाधीश बी. अमित स्थालकर ने यह कहकर खारिज कर दी कि हमने सेलेक्शन लिस्ट या किसी अभ्यर्थी को पार्टी नहीं बनाया।
हमने तुरन्त एक महीने बाद नियोक्ता विक्रमादित्य सिंह को पार्टी बनाकर तीन स्पेशल अपील डिफेक्टिव ( 496/16, 489/16 , 454/16 ) दाखिल की!
जो कि माननीय न्यायमूर्ति अरूण टण्डन साहब एवम् माननीय न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल जी की बेंच में गई।
माननीय न्यायाधीश महोदय ने कोर्ट में हमारी प्रेयर को सही माना और विपक्ष के वकील साहब से बहस के दौरान कहा की tet का वेटेज तो देना ही पड़ेगा , साथ ही एडवोकेट जनरल को तलब कर मामले को अगली सुनवाई पर डिसाइड करने के लिये बोल दिया!
उसके उपरांत विरोधी भागने में सफल रहे। मामला टलता गया इसी बीच रोस्टर बदल गया और २०१६ की अपील मुख्य न्यायाधीश महोदय के पास चला गया।
इसी बीच एक नई रिट C-49667/16 संजय कुमार राय दाखिल हुई और सभी याचिकाएं, (हमारी स्पेशल अपील छोड़कर ) अपील ,एक साथ बंच हुई इस पर हमारे द्वारा विरोध किया गया कि हमारी याचिका मुख्य याचिका थी जो कि इस याचिका में नहीं है और मामले को जल्द सुनवाई कर फाइनल किया जाये !
साथ ही हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रभाकर अवस्थी जी द्वारा कोर्ट से कहा गया कि टीईटी की वैधता 25 नवम्बर को समाप्त हो रही है ।
यह बात सुनकर चीफ साहब ने उक्त मुकदमे को 22 नवम्बर को दोपहर २ बजे से सुनवाई के लिये लगा दिया।
22 नवम्बर को मुकदमे की बहस का शुभारंभ प्रभाकर अवस्थी भैया ने किया, मुख्य न्यायाधीश महोदय ने कहा कि अवस्थी जी मैं अशोक खरे साहब को भी सुनना चाहता हूँ क्योंकि स्पेशल अपील 657/15 दीपक शर्मा उनके खिलाफ है।
लगातार 2 दिन बहस हुई पैरा 9-B (tet वेटेज ) के विरूद्ध दाखिल याचिका को हम लोगों ने NCTE का काउंटर एवम फुल बेंच का आदेश cj साहब को दिखाकर खारिज करवा दिया। शेष आदेश सुरछित कर लिया गया!
चूँकि हमारी याचिकाओं में नियुक्ति व सेलरी के शासनादेश को चुनौती दी गई है , तथा tet वेटेज की प्रेयर की गई है...
अतः मुख्य न्यायाधीश महोदय द्वारा हमारी सभी अपील ( 489/16, 496/16, 454/16 स्पेशल अपीलडिफेक्टिव ) को अलग से 22 -दिसंबर को सुनने की तिथि नियत की गई है !
हमारी याचिकाओं में प्रेयर अलग है , अन्य जितनी भी कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी सभी याचिकार्ताओं ने ने Writ C बनाकर बेसिक शिछा नियमावली के १6 वें संशोधन को रद्द करने की माँग की गई थी जब कि इसे माननीय सुधीर अग्रवाल जी द्वारा 18/8/15 को रद्द कर दिया था।
कुछ लोग जो प्राइमरी /जूनियर का केस लड़ रहे थे अब जिले-जिले याची बनाने की दुकानें खोल चुके है !
असली भूकम्प तो 22 दिसम्बर को ही आयेगा क्योंकि हमने कोर्ट में प्रार्थना ही अलग की है
जब 15 वे संशोधन का रूल १४(३) हाईकोर्ट की डबल खण्डपीठ द्वारा रद्द किया जा चुका है और उसे माननीय सुधीर अग्रवाल जी द्वारा भी रद्द किया जा चुका है और फिर एक दिसम्बर 2016 को मुख्य न्यायाधीश महोदय द्वारा भी रद्द किया जा चुका है तो उस नियमावली पर आधारित नियुक्ति आदेश 15/9/15 और सैलरी का आदेश 16/1/16 भी रद्द होना चाहिए जब मकान की नींव ही नहीं बची है तो मकान की छत का कैसे बचेगी।
हमारी टीम की ही मेहनत है कि आज सभी मुकदमे निस्तारित हुए है और सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला, हमारी सभी याचिकाओं के आदेश आप खोलकर देख सकते है। असली खेल 22-12-2016 को हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश महोदय की ही बेंच में होगा।
मैं सबसे ज्यादा हैरान तो तब होता हूँ और शर्म आती है, की जिनका जूनियर भर्ती से कोई लेना देना ही नहीं है, वे लोग भी याची बनाओ अभियान में जुट गये ,
अपनी अपनी फ्रेन्चाय्ची और दलालो के माध्यम से बेरोजगारों को ठगने व लूटने को तैयार हो गये है...
इनमें से कई तो ऐसे है जो प्राइमरी में याची लाभ का दम्भ भरते थे, याची लाभ के सपने दिखा कर लाखो - करोड़ों की लूट की....
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अव्वल तो याची बनने की कोई ज़रूरत ही नहीँ ,कोई लाभ नहीँ मिलने जा रहा किसी को सिर्फ याची बनने से ,
फिर भी
यदि कोई याची बनना ही चाहता हैं तो वह
याची बनाने वाले व्यक्ति /ग्रुप से ये अवश्य पूँछ ले की
1- उनका इस मुद्दे पर अभी तक क्या योगदान हैं ?
2- हाईकोर्ट में सिर्फ रिट कर के भूल गये...
या फिर इस मुद्दे को मेहनत से लड़ा भी ?
3- हाईकोर्ट में इनकी याचिका की मुख्य प्रेयर क्या हैं ?
बेरोजगारों को लूटने के लिये पुनः दर्जनों ठग सक्रिय हो गये हैं ,इनसे बचें....
नीचे हमारी रिटों/अपील की प्रेयर की कॉपी की पीक देखिये ,जिसमें जूनियर भर्ती के नियुक्ति आदेश ,वेतन आदेश को चुनौती सहित ,tet का वेटेज देते हुये भर्ती पूरी करने की बात की गई है....
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