बेसिक शिक्षा विभाग में एक ही मार्कशीट, नाम और पते पर नौकरी कर रही शिक्षिका का एक और मामला प्रकाश में आया।
वंदना वर्ष 2010 से मऊ में नौकरी कर रही शिक्षिका के नाम और पते पर नौकरी कर रही थी। इस प्रकार के दर्जन भर मामलों की जांच के जद में फंसे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। बीएसए ओम प्रकाश यादव को रूबी जायसवाल व राजेश्वर साकिन ने शिकायत की थी कि डुमरी खास में नौकरी कर रही शिक्षिका वंदना उपाध्याय दूसरे के नाम और पते पर फर्जी ढंग से नौकरी कर रही है। जिस पर बीएसए ने उक्त शिक्षिका को नोटिस जारी कर सभी प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने का निर्देश जारी किया। शिक्षिका ने बीएसए विभाग में उपस्थित होकर अपना निवास स्थान डुमरी खास तहसील चौरीचौरा और शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा किया।
शिक्षिका द्वारा बताए गए पते की जांच के लिए चौरीचौरा तहसील को रिपोर्ट भेजी गई और शैक्षिणिक सत्यापन के लिए दस्तावेज गाजीपुर के बेरावर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को भेजा गया। चौरीचौरा तहसील द्वारा की गई जांच में पता चला कि वंदना उपाध्याय और पिता जगदम्बा उपाध्याय नाम का कोई व्यक्ति डुमरी खास में नहीं रहता है। शिक्षिका द्वारा पता गलत दिया गया है।
वहीं इण्टर कालेज बेरावर के प्रधानाचार्य ने शैक्षणीक की अभिलेखों की जांच के बाद बताया कि वंदना उपाध्याय नाम की छात्रा ने पढ़ाई की थी मगर उसका पता बेरावर कला जमनियां जिला गाजीपुर है। दोनों जगहों से मिली रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने गाजीपुर निवासी वंदना उपाध्याय को अपने सम्पूर्ण अभिलेखों के साथ उपस्थित होने के लिए पत्र लिखा। जिस पर गाजीपुर की शिक्षिका वंदना उपाध्याय उपस्थित होकर बीएसए को बताया कि बीटीसी प्रवेश के लिए उन्होंने जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान गोरखपुर और गाजीपुर में आवेदन किया था लेकिन 2007 में गाजीपुर के डायट में प्रवेश मिल गया। जहां से उन्होंने पूरी पढ़ाई की और 2009 में पास होकर प्राथमिक विद्यालय जमीन फरदहां जिला मऊ में नौकरी करनी शुरू कर दी। वर्तमान समय में स्थानान्तरण करा कर प्राथमिक विद्यालय रोशनपुर जहानगंज जिला आजमगढ़ में नौकरी कर रही हूं।
गाजीपुर की वंदना उपाध्याय द्वारा दिया गया नाम और शैक्षणिक अभिलेख सही पाया गया। वहीं फर्जी तरीके से 2010 से डुमरी खास सरदार नगर ब्लाक में नौकरी कर रही शिक्षिका को सेवामुक्त करते हुए कार्रवाई की गई।
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वंदना वर्ष 2010 से मऊ में नौकरी कर रही शिक्षिका के नाम और पते पर नौकरी कर रही थी। इस प्रकार के दर्जन भर मामलों की जांच के जद में फंसे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। बीएसए ओम प्रकाश यादव को रूबी जायसवाल व राजेश्वर साकिन ने शिकायत की थी कि डुमरी खास में नौकरी कर रही शिक्षिका वंदना उपाध्याय दूसरे के नाम और पते पर फर्जी ढंग से नौकरी कर रही है। जिस पर बीएसए ने उक्त शिक्षिका को नोटिस जारी कर सभी प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने का निर्देश जारी किया। शिक्षिका ने बीएसए विभाग में उपस्थित होकर अपना निवास स्थान डुमरी खास तहसील चौरीचौरा और शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा किया।
शिक्षिका द्वारा बताए गए पते की जांच के लिए चौरीचौरा तहसील को रिपोर्ट भेजी गई और शैक्षिणिक सत्यापन के लिए दस्तावेज गाजीपुर के बेरावर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को भेजा गया। चौरीचौरा तहसील द्वारा की गई जांच में पता चला कि वंदना उपाध्याय और पिता जगदम्बा उपाध्याय नाम का कोई व्यक्ति डुमरी खास में नहीं रहता है। शिक्षिका द्वारा पता गलत दिया गया है।
वहीं इण्टर कालेज बेरावर के प्रधानाचार्य ने शैक्षणीक की अभिलेखों की जांच के बाद बताया कि वंदना उपाध्याय नाम की छात्रा ने पढ़ाई की थी मगर उसका पता बेरावर कला जमनियां जिला गाजीपुर है। दोनों जगहों से मिली रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने गाजीपुर निवासी वंदना उपाध्याय को अपने सम्पूर्ण अभिलेखों के साथ उपस्थित होने के लिए पत्र लिखा। जिस पर गाजीपुर की शिक्षिका वंदना उपाध्याय उपस्थित होकर बीएसए को बताया कि बीटीसी प्रवेश के लिए उन्होंने जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान गोरखपुर और गाजीपुर में आवेदन किया था लेकिन 2007 में गाजीपुर के डायट में प्रवेश मिल गया। जहां से उन्होंने पूरी पढ़ाई की और 2009 में पास होकर प्राथमिक विद्यालय जमीन फरदहां जिला मऊ में नौकरी करनी शुरू कर दी। वर्तमान समय में स्थानान्तरण करा कर प्राथमिक विद्यालय रोशनपुर जहानगंज जिला आजमगढ़ में नौकरी कर रही हूं।
गाजीपुर की वंदना उपाध्याय द्वारा दिया गया नाम और शैक्षणिक अभिलेख सही पाया गया। वहीं फर्जी तरीके से 2010 से डुमरी खास सरदार नगर ब्लाक में नौकरी कर रही शिक्षिका को सेवामुक्त करते हुए कार्रवाई की गई।
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