72825 भर्ती : हमने सरकार को 300 करोड़ रुपया नए ऐड पर दिए है तो हम पूरी 72825 नये ऐड से पद लेंगे

पोस्ट के साथ अटैच स्क्रीनशॉट 2 दिसम्बर 2016 का है जब हमारी परमादेश की दूसरी सुनवाई हुई और उसमें जस्टिस दीपक मिश्रा ने स्टेट कॉउंसिल को नोटिस जारी करके अलग से 27 फरबरी की डेट लगाई थी तो उस समय इन एडवोकेट महोदय ने कितना विरोध किया
और क्या क्या कहा ये आप अटैच फोटो में पढ़ सकते है लेकिन जब इन महानुभाव ने हमारी परमादेश पढ़ी तो इनके ज्ञान के चछु खुल गए
क्योंकि उससे पहले नये से भर्ती को लेकर पीयूष भाई की रिट को दीपक मिश्रा जी ख़ारिज कर चुके थे
फिर भी हमने रिस्क लेते हुए याचिका डाली और हमने अपनी परमादेश याचिका में बिलकुल स्पष्ट कर दिया कि दोनों ऐड अलग अलग है क्योंकि दोनों की परमिशन अलग अलग ली गई
बेसिक में अपॉइंटिंग अथॉरिटी बीएसए है और भले कुल पद समान हो लेकिन कई जिलों में ओल्ड और न्यू ऐड में पद बदले है जैसे इलाहाबाद सीतापुर फिरोजाबाद
साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री ने दोनों को अलग मानकर दोनों पर भर्ती करने को बोला था
और दोनों की फीस अलग अलग ली गई है
पिछले दिनों पुलिस भर्ती का ऐड रदद् करके जब दूसरा ऐड आया तो जिन्होंने ओल्ड ऐड में एप्लाई किया उन्हें पुरानी फ़ीस से ही नए में आवेदन का मौका मिला
जबकि हमारे ऐड में अलग अलग फ़ीस ली
इसी तरह कई अन्य ईसू है जो दोनों को अलग अलग बताते है जिसे पोस्ट पर बताना उचित नही
मित्रो जिस व्यक्ति ने हमारा सबसे ज्यादा विरोध किया उसी व्यक्ति ने हमारी परमादेश को पढ़कर उसमे 600 लोगो को याची बनाकर इंटरविन करने की कोशिश की लेकिन अभी इन की इंटरविंन स्वीकार नही हुई है
और बहुत जल्द हमारी डेट रजिस्ट्रार कोर्ट में लगेगी और हम इनकी इंटरविंन allow नही होने देंगे
मित्रो आज जानते हो कि 7 दिसम्बर के आदेश की परिपेक्ष में हजारों याची बने है जिस पर सरकार बोल रही है कि मेरे पास 72825 में सिर्फ 8000 पद रिक्त है तो हम 34000 याची को कैसे नियुक्ति दे दे
जबकि हम इसके विपरीत कोर्ट में ये प्रेयर लेकर गए है कि ये अंतिम भर्ती है और हम 300 करोड़ रुपया सरकार को दिए है और हमारा 16th संशोधन अभी तक रदद् नही है इसलिए हमारे विज्ञापन से भर्ती करो या हमें भी राहत दो
सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले पांडेय जी समझ गए कि इस मामले में याची राहत की सम्भवना ज्यादा है भले तत्काल ना सही फाइनल में मिले क्योंकि इस बेस पर याची राहत कोई नही माँगा है
मित्रो हमने जिस वकील श्री रत्नाकर दाश को हायर किया था वह ओड़िशा हाई कोर्ट में जज रहे है उसी समय जस्टिस मिश्रा भी ओड़िशा हाई कोर्ट में जज थे
उसके बाद दाश जी 10 वर्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट रहे इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता बने
जब हमारी ब्रीफिंग हुई उनसे तो उन्होंने कहा कि भले आपको तत्काल रिलीफ ना मिले लेकिन अंतिम आदेश में नया ऐड बहाल करके या अन्य तरीके से आपको रिलीफ देनी पड़ेगी
यही वजह थी कि हमारी परमादेश में 600 लोगो ने याची बनने की कोशिश की
मित्रो हम भी चाहते है कि दोनों ऐड जल्द बहाल हो
मित्रो हमारी बात हमारे एडवोकेट से हो गई है
अगर मार्च में सिविल अपील की डेट नही लगी हम एप्लिकेशन डालकर परमादेश की डेट अप्रैल लास्ट या मई के प्रथम सप्ताह में लगेगी
उसमे हम नये ऐड पर इंटरिम राहत मागेंगे
मित्रो हमने सरकार को 300 करोड़ रुपया नए ऐड पर दिए है तो हम पूरी 72825 नये ऐड से पद लेंगे
लेकिन कुछ नियुक्ति पाये लोग साजिश करके हाई कोर्ट में नए ऐड की फीस वापसी के लिए रिट डाल रहे है जोकि गलत है
हम फ़ीस वापसी पर सिंगल बेंच से स्टे लिए हुए है
नियुक्त हुए लोगो को चाहिए कि फ़ीस वापसी की रिट डालने से परहेज करें
अगर नए ऐड से भी 72825 भर्ती हो जाती है तो यूपी के टेट पास का ही भला होगा
हर हर महादेव
आपका भाई
वृजेन्द्र कश्यप

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