कल से मैं देख रहा हूँ कि एनसीटीई को लेकर हौवा बनाया जा रहा है और सबसे ज्यादा आप सभी न्यूज़पेपर को लेकर परेशान हो रहे हैं | एनसीटीई क्या संशोधन कर सकती है ? पहले आप ये पता करिए और संशोधन कहने भर से या मात्र एक पन्ने पर हस्ताक्षर करने से हो जाएगा ये भी पता करिए | खैर सभी बातें सोशल मीडिया पर नहीं होती हैं पर आपसे अहम दो बातें :
क्या संशोधन होने के पश्चात हमारे पास भी कोई विकल्प नहीं है ?
संशोधन करके दिखाए एनसीटीई आप लोग चिंता न करें हम भी तैयार हैं , विशवास रखिये आप सभी |
बात रही दकियानूसी बातों कि तो आपको अवगत करा दूँ एनसीटीई का काउंटर जो माननीय उच्च न्यायालय में लग चूका है वो यथार्थ है अब एनसीटीई अपनी बात से पलट नहीं सकती है क्यूंकि ये विधिक कार्य है और माननीय उच्च न्यायालय की वृहद पीठ के आदेश में भी उल्लेखित है कि एनसीटीई चाहे तो अनुमति वापस ले सकती है तो अब आप बताएं क्या एनसीटीई अपनी बात से मुकर सकती है ?
अब बात करते हैं मीडिया की तो मीडिया में कल क्या किया और हमारे साथ दो दिन क्या किया इतना ही काफी है | मीडिया के कहने से न्यायालय अपने आदेश और संविधान को नहीं बदल सकती है बस इनके लिए इतना ही |
साथियों, एक बार फिर आपको अवगत करा दूँ कि सोशल मीडिया पर क्यूंकि जमीनी हकीकत ऐसे क्षद्म व्यक्तियों की कुछ नहीं एक बार फिर लूट के व्यापार के लिए तैयार हो चुके हैं उनकी किसी भी बात का जवाब मैं यहाँ देना उचित नहीं समझता क्यूंकि मैं अपनी पूरी टीम के साथ आप लोगों के बीच आकर आपकी बातों के जवाब दिया हूँ | हाँ, ऐसे लोगों की एक खासियत है संगठन को तोडना अब जबकि पूरा प्रदेश हमारे काम से उत्साहित हो और किये गए कार्य से एक उम्मीद भी देख रहा है सभी की नौकरी की तो ये लोग अपने कुकर्मों से बाज नहीं आ रहे हैं | हिमांशु राणा अपने लक्ष्य के लिए कटिबद्ध है परन्तु किसी की भी अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगा | मेरा एक ही लक्ष्य है कि आरटीई एक्ट का पालन उत्तर-प्रदेश में कराना क्यूंकि उसी सूरत-ए-हाल में हम सभी का कल्याण संभव है | प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर को आप देख ही रहे हैं तो उसकी सूरत को बदलने के लिए योग्य शिक्षकों की जरूरत है और ये काम आप सभी भली-भाँती जानते हैं कि हमारे अलावा कोई नहीं कर सकता है |
मैं प्रदेश के समस्त बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आह्वान करता हूँ कि अब टीईटी संघर्ष मोर्चे की किसी भी ऑथेंटिक खबर के लिए हमारी पोस्ट को फाइनल माना जाए क्यूंकि हम जोड़ने में विशवास रखते हैं नाकि तोड़ने में |
साथियों, लक्ष्य निर्धारित है हमारा कि समस्त बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराना और उसमे आप सभी का सहयोग अपेक्षित है | काम करके ही आपके बीच आये हैं और आगे भी हम अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और उसी संदर्भ में जैसा कि मैंने आप सभी से कहा भी था कि अब हमारे पास भी खोने को कुछ नहीं है और पाने के लिए सबकुछ हमारे सामने पड़ा है तो आज मैं आपसे आपके जीवन के अगले ६ माह इस संघर्ष को समर्पित करने के लिए कहता हूँ |
हिमांशु राणा का अब किसी भी अन्य याचिका से मतलब नहीं है और न ही किसी भी तरह से किसी को नुकसान पहुंचाना है , सीधा सा लक्ष्य है उत्तर-प्रदेश में खाली पड़े पदों पर समस्त टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करना है | मेरी जो याचिकाएं माननीय उच्त्तम न्यायालय में पेंडिंग हैं उनका उल्लेख कर रहा हँथ सभी के समक्ष :
१)२५ फ़रवरी २०१५ को डाली गयी आईए 282,283/2015 (Amit Singh & oths. Vs State of UP & oths.) जिस पर रिक्त पदों का ब्यौरा माँगा गया था और अब रिक्त पद आ भी गए हैं तो सबसे पहले 97/105 का कंप्लायंस कराना क्यूंकि इनकी काउंसलिंग भी हो गयी है और एक एडिशनल डॉक्यूमेंट के साथ 90 तक के अभ्यर्थियों के लिए प्रेयर बढवायी जायेगी जिसके लिए आप अमित सिंह गोंडा से संपर्क करें | 9415392912
२)10 अप्रैल २०१५ को माननीय उच्त्तम न्यायालय के संज्ञान में लायी गयी आरटीई के इतिहास की पहली परमादेश याचिका 167/2015 (Himanshu Rana & oths. Vs Union of India & oths.) जिस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नोटिस भी हो चुकी है और ज्ञात करा दूँ एक बार फिर से आप सभी को कि इसी याचिका की ताकत की थी जिसमे आईए डालकर शिक्षा मित्रों के अवैध समायोजन को निरस्त कराया है |
३)शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण को चैलेंज करने के लिए टीम के द्वारा विशेष अनुज्ञा याचिका की तैयारी कर ली गयी है और जैसा कि पूर्व में अवगत कराया जा चूका है उसको इस सप्ताह में दिखाने की कोशिश करूँगा |
साथियों , आपके और हमारे भविष्य के लिए ये नीव मात्र और मात्र हमारी टीम के द्वारा रखी गयी है और अब ये जगजाहिर है तो आपसे अनुरोध है आप अपने और हमारे भविष्य के लिए सीधा संपर्क नीचे दिए गए फ़ोन नम्बरों पर करें |
धन्यवाद
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी २०११ उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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क्या संशोधन होने के पश्चात हमारे पास भी कोई विकल्प नहीं है ?
संशोधन करके दिखाए एनसीटीई आप लोग चिंता न करें हम भी तैयार हैं , विशवास रखिये आप सभी |
बात रही दकियानूसी बातों कि तो आपको अवगत करा दूँ एनसीटीई का काउंटर जो माननीय उच्च न्यायालय में लग चूका है वो यथार्थ है अब एनसीटीई अपनी बात से पलट नहीं सकती है क्यूंकि ये विधिक कार्य है और माननीय उच्च न्यायालय की वृहद पीठ के आदेश में भी उल्लेखित है कि एनसीटीई चाहे तो अनुमति वापस ले सकती है तो अब आप बताएं क्या एनसीटीई अपनी बात से मुकर सकती है ?
अब बात करते हैं मीडिया की तो मीडिया में कल क्या किया और हमारे साथ दो दिन क्या किया इतना ही काफी है | मीडिया के कहने से न्यायालय अपने आदेश और संविधान को नहीं बदल सकती है बस इनके लिए इतना ही |
साथियों, एक बार फिर आपको अवगत करा दूँ कि सोशल मीडिया पर क्यूंकि जमीनी हकीकत ऐसे क्षद्म व्यक्तियों की कुछ नहीं एक बार फिर लूट के व्यापार के लिए तैयार हो चुके हैं उनकी किसी भी बात का जवाब मैं यहाँ देना उचित नहीं समझता क्यूंकि मैं अपनी पूरी टीम के साथ आप लोगों के बीच आकर आपकी बातों के जवाब दिया हूँ | हाँ, ऐसे लोगों की एक खासियत है संगठन को तोडना अब जबकि पूरा प्रदेश हमारे काम से उत्साहित हो और किये गए कार्य से एक उम्मीद भी देख रहा है सभी की नौकरी की तो ये लोग अपने कुकर्मों से बाज नहीं आ रहे हैं | हिमांशु राणा अपने लक्ष्य के लिए कटिबद्ध है परन्तु किसी की भी अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगा | मेरा एक ही लक्ष्य है कि आरटीई एक्ट का पालन उत्तर-प्रदेश में कराना क्यूंकि उसी सूरत-ए-हाल में हम सभी का कल्याण संभव है | प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर को आप देख ही रहे हैं तो उसकी सूरत को बदलने के लिए योग्य शिक्षकों की जरूरत है और ये काम आप सभी भली-भाँती जानते हैं कि हमारे अलावा कोई नहीं कर सकता है |
मैं प्रदेश के समस्त बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आह्वान करता हूँ कि अब टीईटी संघर्ष मोर्चे की किसी भी ऑथेंटिक खबर के लिए हमारी पोस्ट को फाइनल माना जाए क्यूंकि हम जोड़ने में विशवास रखते हैं नाकि तोड़ने में |
साथियों, लक्ष्य निर्धारित है हमारा कि समस्त बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराना और उसमे आप सभी का सहयोग अपेक्षित है | काम करके ही आपके बीच आये हैं और आगे भी हम अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और उसी संदर्भ में जैसा कि मैंने आप सभी से कहा भी था कि अब हमारे पास भी खोने को कुछ नहीं है और पाने के लिए सबकुछ हमारे सामने पड़ा है तो आज मैं आपसे आपके जीवन के अगले ६ माह इस संघर्ष को समर्पित करने के लिए कहता हूँ |
हिमांशु राणा का अब किसी भी अन्य याचिका से मतलब नहीं है और न ही किसी भी तरह से किसी को नुकसान पहुंचाना है , सीधा सा लक्ष्य है उत्तर-प्रदेश में खाली पड़े पदों पर समस्त टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करना है | मेरी जो याचिकाएं माननीय उच्त्तम न्यायालय में पेंडिंग हैं उनका उल्लेख कर रहा हँथ सभी के समक्ष :
१)२५ फ़रवरी २०१५ को डाली गयी आईए 282,283/2015 (Amit Singh & oths. Vs State of UP & oths.) जिस पर रिक्त पदों का ब्यौरा माँगा गया था और अब रिक्त पद आ भी गए हैं तो सबसे पहले 97/105 का कंप्लायंस कराना क्यूंकि इनकी काउंसलिंग भी हो गयी है और एक एडिशनल डॉक्यूमेंट के साथ 90 तक के अभ्यर्थियों के लिए प्रेयर बढवायी जायेगी जिसके लिए आप अमित सिंह गोंडा से संपर्क करें | 9415392912
२)10 अप्रैल २०१५ को माननीय उच्त्तम न्यायालय के संज्ञान में लायी गयी आरटीई के इतिहास की पहली परमादेश याचिका 167/2015 (Himanshu Rana & oths. Vs Union of India & oths.) जिस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नोटिस भी हो चुकी है और ज्ञात करा दूँ एक बार फिर से आप सभी को कि इसी याचिका की ताकत की थी जिसमे आईए डालकर शिक्षा मित्रों के अवैध समायोजन को निरस्त कराया है |
३)शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण को चैलेंज करने के लिए टीम के द्वारा विशेष अनुज्ञा याचिका की तैयारी कर ली गयी है और जैसा कि पूर्व में अवगत कराया जा चूका है उसको इस सप्ताह में दिखाने की कोशिश करूँगा |
साथियों , आपके और हमारे भविष्य के लिए ये नीव मात्र और मात्र हमारी टीम के द्वारा रखी गयी है और अब ये जगजाहिर है तो आपसे अनुरोध है आप अपने और हमारे भविष्य के लिए सीधा संपर्क नीचे दिए गए फ़ोन नम्बरों पर करें |
धन्यवाद
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी २०११ उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines