क्या व्हाट्सऐप फेसबुक पर होने वाली ब्रीफिंग या पैरवी से सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई जीती जा सकती है..???? क्या केवल याची-याची चिल्लाने से या एडहॉक पर चयनित 839 को चेलेंज करने मात्र से हमारा भला हो सकता है..?????
मयंक टीम ने सभी मामलो में अपनी उपस्थिति बनाये रखी है।WP(C)244/2016 RTE ACT के माध्यम से कोर्ट को बताया गया के जून 2011 में प्रदेश में RTEएक्ट लागु हुआ उस समय 3लाख 89 हजार पद खाली थे जबकि बी टी सी पास केवल 40 हजार थे बीएड पास साढ़े6 लाख थे। इसलिए बीएड वालो को एक बार टी ई टी परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली जिसमे लगभग 2लाख72 हजार बीएड धारी पास हुए। विज्ञापन केवल 72000 का ही क्यों निकला जबकि सरकार को अध्यापको की कमी तीन सालो में पूरी करनी थी। बीएड वालो के ही पदों को उठा कर शिक्षामित्रो को दे दिया गया।
इसमें हमने अपना लोकस 2011 से दिखाया है। जब सरकार की शिक्षामित्र नामक नाक पकड़ी तब उनका मुँह खुला की इन पदों के आलावा भी हमारे पास डेढ़ लाख पद खाली है।
मित्रो बीएड बालो को उनके संघर्स का फल मिलने जा रहा है फिर चाहे याची लाभ के रूप में मिले या 72000 से अधिक पदों पर भर्ती होकर। इतना कहना है कोई परीक्षा नही देनी होगी और कोई ऐज के कारण वंचित नही होगा। अपना सहयोग मयंक या प्रवीण के अकाउंट में अवश्य करे।धन्यबाद
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मयंक टीम ने सभी मामलो में अपनी उपस्थिति बनाये रखी है।WP(C)244/2016 RTE ACT के माध्यम से कोर्ट को बताया गया के जून 2011 में प्रदेश में RTEएक्ट लागु हुआ उस समय 3लाख 89 हजार पद खाली थे जबकि बी टी सी पास केवल 40 हजार थे बीएड पास साढ़े6 लाख थे। इसलिए बीएड वालो को एक बार टी ई टी परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली जिसमे लगभग 2लाख72 हजार बीएड धारी पास हुए। विज्ञापन केवल 72000 का ही क्यों निकला जबकि सरकार को अध्यापको की कमी तीन सालो में पूरी करनी थी। बीएड वालो के ही पदों को उठा कर शिक्षामित्रो को दे दिया गया।
इसमें हमने अपना लोकस 2011 से दिखाया है। जब सरकार की शिक्षामित्र नामक नाक पकड़ी तब उनका मुँह खुला की इन पदों के आलावा भी हमारे पास डेढ़ लाख पद खाली है।
मित्रो बीएड बालो को उनके संघर्स का फल मिलने जा रहा है फिर चाहे याची लाभ के रूप में मिले या 72000 से अधिक पदों पर भर्ती होकर। इतना कहना है कोई परीक्षा नही देनी होगी और कोई ऐज के कारण वंचित नही होगा। अपना सहयोग मयंक या प्रवीण के अकाउंट में अवश्य करे।धन्यबाद
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