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UPTET शिक्षा मित्र केस में टेट मुद्दे पर सोशल मीडिया पर घमासान

*शिक्षा मित्र केस में टेट मुद्दे पर सोशल मीडिया पर घमासान*
शिक्षा मित्र केस में मुख्य लड़ाई टेट की नही है बल्कि मुख्य लड़ाई है NCTE एक्ट 3sep  2001 के अंदर आने बाले कार्यरत शिक्षक साबित करने की है जिसमें एक अध्यापक की मिनिमम क्वालिफिकेशन इंटर+ 2 बर्षीय एलिमेंट्री एजुकेशन दर्ज है।इसमें टेट का कोई स्थान नही है।
और up के सभी शिक्षा मित्र 23 अगस्त 2010 के नोटिफिकेशन जारी होने से पहले से स्कूलों में कार्यरत हैं।इसी को आधार बनाकर स्टेट ने हमारा समायोजन किया है।अर्थार्त हम पहले से शिक्षक हैं और इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने V. LAVANYA & ORS. APPELLANTS
Versus
STATE OF TAMIL NADU
केस में लिखा है *TET is only a pre- requisite eligibility test for those who are seeking appointment as a teacher*अर्थात टेट उन लोगो के लिए एक पात्रता परीक्षा है जो एक अध्यापक के रूप में नौकरी की तलाश कर रहे हैं।या अध्यापक बनने की सोच रहे हैं।
*ऐसे कई सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं जो यह साबित करते हैं कि कार्यरत शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य नही है।साथ ही दूरस्थ एलिमेंट्री कोर्स भी सिर्फ कार्यरत अध्यापक को ही कराया जाता है अर्थात जो पहले से अध्यापक का कार्य कर रहे हैं*
ऐसे बहुत से लीगल रीजन हैं जिसको सोशल पर पोस्ट नही किया जा सकता जिसके कारण सब लोग नॉन टेट की लड़ाई लड़ रहे हैं। सभी से निवेदन है की अफवाह फैलाने बाले किसी भी विरोधी या विभीषण लोगो की पोस्टों से भयभीत न हों।जो भ्रमित करने के लिए हर हथकंडे अपनाए हुए हैं।
हमे पूरी उम्मीद है भारत का सर्वोच्च न्यायालय 1लाख 72 हजार परिवारों के साथ अन्याय नही करेगा।
हालांकि कोर्ट ऑर्डर के अनुसार 1 घंटे की बहस  करने का समय दिया गया है लेकिन अभी कई ऐसे पॉइंट्स हैं जिसपर बहस होनी बाकी है जो 17 के आगे भी जा सकती है।  इसलिए *पैर्विकारो का सहयोग करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है*
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